राज्य सरकार व चिकित्सकों की आपसी खिंचतान व लड़ाई में मरीज परेशान हो रहा है। इसके चलते अस्पतालों में रोगियों को उपचार नहीं मिल रहा। कोटा संभाग के सबसे बड़े एमबीएस अस्पताल की हालात देखे तो यहां सन्नाटा सा पसरा हुआ है। चिकित्सक नहीं होने के कारण आउटडोर छोड़ इंडोर से भी मरीज भर्ती नहीं है। इस कारण पलंग खाली पड़े है। पर्ची काउंटर पर भी सन्नाटा पसरा रहता है। वहीं जेके लोन व मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी मरीजों की संख्या अन्य दिनों की अपेक्षा कम हो गई है। रामपुरा जिला अस्पताल में सैनिकों ने मोर्चा संभाल रखा है। जबकि चारों अस्पतालों में पांच हजार मरीज पहुंचते है, लेकिन चिकित्सकों व रेजीडेंट्स हड़ताल के चलते इक्का-दुक्का मरीज ही पहुंच रहे है।
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राजस्थान के इस शहर में बेखौफ घूम रहे है चाकूबाज, 12 दिनों में चाकूबाजी की तीसरी घटना को दिया अंजाम दूसरे दिन भी दो घंटे ठप रही सेवाएं आईएमए के आह्वान पर चली रही निजी अस्पताल में चिकित्सकों की पेनडाउन हड़ताल शनिवार को भी जारी रही। सुबह 9 से 11 बजे तक चिकित्सा सेवाएं ठप रही। सिर्फ इमरजेंसी में ही मरीजों को देखा गया। अस्पतालों में चिकित्सकों की कुर्सियां खाली रही। जांचे प्रभावित रही। मेडिकल स्टोर पर भी सन्नाटा पसरा रहा। अस्पतालों में मरीज बैंचों पर घंड़ी की सुई 11 बजने का इंतजार करते दिखे। 11 बजे बाद चिकित्सकों ने मरीज को देखा। कोटा संभाग में करीब 800 आईएमए के सदस्य है। यह भी पढ़ें
25 वर्षों से थैलेसीमिक बच्चों की मुस्कान बने हुए है नवीन तोतलानी आधे भी नहीं हो रहे ऑपरेशन ऑपरेशन थियेटर प्रभारी चिकित्सक एससी दुलारा ने बताया कि सेवारत व रेजीडेंट्स हड़ताल के कारण तीनों सरकारी अस्पतालों में आधे भी ऑपरेशन नहीं हो रहे है। रुटीन के ऑपरेशन ठप है। 10 से 15 इमरजेंसी ऑपरेशन ही किए जा रहे है। आज एक घंटे अतिरिक्त रहेगी हड़ताल आईएमए के अध्यक्ष डॉ. जसवंत सिंह व सचिव डॉ. अमित यादव ने बताया कि सरकार को चिकित्सकों की हड़ताल पर कोई सकारात्मक निर्णय निकालना चाहिए, ताकि मरीजों को परेशानी नहीं उठाना पड़े। रविवार को एक घंटे अतिरिक्त समय बढ़ाया गया है। सुबह 9 से 12 बजे तक पेनडाउन हड़ताल रहेगी।