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कोटा में फिर हुई कचरे में बड़ी धांधली, जानिए क्यों ले जाया जा रहा कचरे की जगह पत्थर और मलबा

कोटा. नगर निगम के विपक्षी पार्षदों ने शनिवार को ट्रेंचिंग ग्राउंड का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कचरा परिवहन में भारी धांधली पकड़ी।

कोटाJan 07, 2018 / 02:07 pm

abhishek jain

नगर निगम के विपक्षी पार्षदों ने शनिवार को ट्रेंचिंग ग्राउंड का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कचरा परिवहन में भारी धांधली पकड़ी। कांग्रेसी पार्षदों ने बताया कि यहां ट्रॉलियां खाली पहुंच रही थी, कचरे की जगह पत्थर-मलबा ले जाकर तोल पूरा किया जा रहा था। कई चालकों के पास लाइसेंस तक नहीं थे। कई ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के रजिस्ट्रेशन व्यावसायिक नहीं है। इसके बाद भी नगर निगम ने किसी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। महापौर, आयुक्त के आश्वाशन के बाद भी न कैमरे चालू हुए, न ही ट्रॉलियों को चेक करने के लिए जिम्मेदार कर्मचारी, अधिकारी नियुक्त किए गए।
 

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छुपा रहे नाकामी
नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका, पार्षद दिलीप पाठक, मोहम्मद हुसैन, राखी गौतम, शमा मिर्जा, मोनू कुमारी ने बताया कि निगम द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण पर करोड़ों रुपए खर्च कर घर-घर कचरा संग्रहण किया रहा है, लेकिन वाहन चालक मनमानी कर रहे हैं। जो घरों से कचरा उठाकर खाली प्लॉटों में डाल रहे हैं। निगम की नाकामियों के विरोध में कांग्रेसी पार्षद सोमवार को निगम आयुक्त कक्ष के सामने 2 घंटे धरना देकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
 

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कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्षदों ने खोली कचरा घोटाले की पोल
कोटा. शहर में सफाई श्रमिक लगाने से लेकर कचरा परिवहन में घालमेल हो रहा था। कचरा प्वाइंट्स से न समय पर कचरा उठता और न पूरा कचरा ट्रेचिंग ग्राउण्ड पहुंचता। ठेकेदार डीजल बचाने के लालच में कचरे को शहर के आसपास ही खाली कर रहे। कचरे की जगह ट्रॉली में निर्माण सामग्री व पत्थर लगाया जा रहा है ताकि तोल पूरा हो जाए। तीन ट्रॉलियों में तो मलबा और निर्माण सामग्री भरी थी, दो ट्रॉलियों में पेड़-पौधों की टहनियां। टहनियों को हटाया तो नीचे पत्थर भरे थे।
कांग्रेस पार्षदों ने इस तरह का कचरा परिवहन में चल रहे घालमेल को पकड़ा। निगम की ओर से शहर में कचरा परिवहन के लिए कुल 85 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लगा रखी हैं। प्रत्येक वाहन को दिन में दो चक्कर लगाना अनिवार्य है, लेकिन ट्रेचिंग ग्राउण्ड पर इन वाहनों का रिकॉर्ड तक नहीं है। केवल एक ठेका कर्मी लगा है, जो कम्प्यूटर से तोल पर्ची निकालता है। यहां निगरानी के लिए लगे सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं।
 

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पहले भी पकड़ा, सब बेअसर

करीब एक साल पहले महापौर महेश विजय ने अधिकारियों के साथ ट्रेचिंग ग्राउण्ड का दौरा कर कचरा परिवहन में गड़बड़ी पकड़ी थी, इसके बाद निगरानी का निर्णय हुआ, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। कांग्रेस के पार्षदों ने भी 6 मई को ट्रेचिंग ग्राउण्ड में कचरा परिवहन का घोटाला पकड़ा था, लेकिन कोई अंकुश नहीं लगा।
 

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आदेश हकीकत

1. कचरा परिवहन वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाए जाएंगे।
– एक भी ट्रैक्टर-ट्रॉली पर जीपीएस सिस्टम नहीं लगा।
2. उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमेटी को जांच करना था।

– एक साल में एक बार भी ट्रेचिंग ग्राउण्ड पर नहीं की जांच।

3. प्रत्येक ट्रैक्टर-ट्रॉली को कचरा भरकर दो चक्कर लगाने होंगे।
– एक ही चक्कर लगाते हैं, दो पारी का बिल उठाते हैं।

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