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उत्तर प्रदेश के औरेई जिले के नागल्दा जोधा निवासी निशा यादव (22) ने बुधवार देर रात अपने कमरे में आत्महत्या कर ली। निशा यादव महावीर नगर प्रथम स्थित एक हॉस्टल में रहकर नीट की तैयारी कर ही थी। मृतका छात्रा के पिता अवशान सिंह ने मोर्चरी के बाहर बताया कि बुधवार को निशा ने फोन पर वीडियो कॉल पर उससे व परिजन से बात की थी। उसने सबसे अच्छे से बात की थी। देर रात एक बजे करीब उसकी पत्नी अचानक उठी और उसने निशा के बारे में बात की। उसे चिंता हुई तो उसने देर रात ही निशा को फोन लगाया, लेकिन उसने नहीं उठाया। उसने कई बार फोन नहीं उठाया तो पत्नी ने हॉस्टल की वार्डन को फोन कर निशा से बात कराने को कहा। इस पर वार्डन उर्मिला, निशा के कमरे तक गई, लेकिन कमरा बंद था। दरवाजा खटखटाने के बाद भी निशा से दरवाजा नहीं खोला तो उसने हॉस्टल संचालक को कॉल किया। हॉस्टल संचालक व उसकी पत्नी हॉस्टल पहुंचे। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर जवाहर नगर पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे का गेट तोड़ा। भीतर देखा तो निशा संदिग्ध हालत में मृत मिली। पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवाया। उधर सूचना पर छात्रा के परिजन कोटा के लिए रात को ही रवाना हो गए। गुरुवार सुबह जवाहर नगर पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंपा। जवाहर नगर थाने के एएसआई कुन्दन कुमार ने बताया कि आत्महत्या के कारणों का फिलहाल पता नहीं चला है। मामले में मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की है।
पढ़ाई का नहीं था तनाव
पिता ने बताया कि बेटी को पढ़ाई का कोई तनाव नहीं था। वह अच्छे अंक लाती थी। उसका सलेक्शन एग्रीकल्चर में हो रहा था, लेकिन उसे डॅाक्टर बनना था, इसलिए उसने गत वर्ष नीट की ऑनलाइन तैयारी की थी। इस साल उसने कोटा में आकर पढऩे की जिद की थी। इसलिए उसका मई माह में कोटा में एक कोचिंग सेंटर में एडमिशन करवाया था। हाल ही में उसके टेस्ट में 720 में 715 नम्बर आए थे। पढऩे में बेटी होशियार थी।
सिरदर्द की थी बीमारी
निशा को पिछले कई साल से सिरदर्द की बीमारी थी। कई बार दर्द इतना होता था कि वह अचेत तक हो जाती थी। उसका चिकित्सकों से उपचार कराया गया था। उसकी इस बीमारी के कारण उसकी देखभाल करते थे। पिता ने बताया कि वह महीने में दो-तीन बार बेटी से मिलने आता था। दिवाली पर भी उसे गांव लेकर गया था। 18 नवम्बर को ही उसे कोटा लेकर आया था। तब उसने हॉस्टल बदले की बात कही थी। इस पर इन्द्रा विहार से हॉस्टल खाली कर, महावीर नगर प्रथम स्थित श्रीखाटू श्याम गर्ल्स हॉस्टल में रखा था।
मां का रो-रो कर बुरा हाल
मृतका के दो बड़े भाई हैं। वह सबसे छोटी थी। मौत की खबर सुनकर मात-पिता और दोनों भाई कोटा आए थे। बेटी की मौत का सदमा मां सहन नहीं कर पा रही थी। मोर्चरी के बाहर ही उसका रो-रो कर बुरा हाल था। दोनों बेटे मां को संभाल रहे थे। बहन के इस दुनिया से चले जाने पर भाइयों के भी आंसू थम नहीं रहे थे।
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तीसरे दिन ही फिर सुसाइड
गौरतलब है कि तीन दिनों में कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड का यह दूसरा मामला है। इससे पहले पश्चिम बंगाल निवासी कोचिंग छात्र फोरिद ने अपने कमरे में सुसाइड कर लिया था। बुधवार को ही उसके परिजन कोटा पहुंचे थे और पोस्टमार्टम के बाद शव अपने घर ले गए थे। बुधवार रात को ही छात्रा निशा यादव ने सुसाइड कर लिया।