पुलिस ने बताया कि 24 अक्टूबर 2016 को फरियादी बूंदी जिले के सदर थाने के गांव इटोडा निवासी सत्यनारायण ने कैथून थाने में दर्ज करवाई लिखित रिपोर्ट में बताया कि वह दो भाई व दो बहन हैं। इसमें से बड़ी बहन ऊषा बाई की शादी 2013 में गोदल्याहेडी गांव के गजानन उर्फ लड्डूलाल मेहर से हुई थी।
उसके दो वर्षीय लड़का दीपेश है। उसकी बहन गांव आती थी। तब उनसे कहती थी कि उसे उसकी सास कमलाबाई, ससुर बाबूलाल, देवर महावीर, गोलू, ननद देवकी और उसका पति गजानन उर्फ लड्डूलाल दहेज की मांग को लेकर परेशान करते थे। उसकी बहन 23 अक्टूबर को उसके दादाजी का देहान्त होने की वजह से तीन दिन में आई थी, जो नहा धोकर चुपचाप वापस अपने ससुराल चली गई थी, लेकिन दादाजी की मृत्यु के गम की वजह से कुछ कह नहीं पाई, लेकिन उसके चेहरे से लग रहा था, जैसे वो गंभीर दुख: दुविधा में हो।
उसे और उसके परिवार को शक है कि इसके साथ गंभीर हादसा हुआ है। ये लोग पूर्व में भी उससे 6 महीने पहले मारपीट कर चुके थे। तब वो 2 महीने ससुराल छोड़कर उनके पास पीहर ही रही थी, लेकिन लोकलाज की वजह से उन्होंने उसे समझा बुझाकर वापस ससुराल भेज दिया था।
26 अक्टूबर को उसके पास उसकी बहन के देवर महावीर ने फोन पर बताया कि तुम्हारी बहन की मौत हो चुकी है और वह कोटा मुर्दाघर में है। इस पर वह और उसका परिवार कोटा आया तो देखा कि ऊषा मृत पड़ी थी। उसके शरीर पर कोई चोट नजर नहीं आई।
इसलिए उसे व उसके परिवार को शक है कि या तो उसे जहर देकर या फिर गला घोंट कर मारा है। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से 23 गवाहों के बयान एवं 19 दस्तावेज बतौर सबूत प्रदर्शित किए गए।