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आचार संहिता के बीच 21.56 लाख के गार्बेज रिक्शों की सप्लाई, चिरगुड़ा पंचायत ने लौटाए

CG Election 2023 : विधानसभा चुनाव-2023 के लिए लागू आचार संहिता के बीच 11 ग्राम पंचायतों में गार्बेज रिक्शे की सप्लाई कर बिल पकड़ाया गया है।

कोरीयाOct 20, 2023 / 03:01 pm

Kanakdurga jha

आचार संहिता के बीच 21.56 लाख के गार्बेज रिक्शों की सप्लाई, चिरगुड़ा पंचायत ने लौटाए

बैकुंठपुर। CG Election 2023 : विधानसभा चुनाव-2023 के लिए लागू आचार संहिता के बीच 11 ग्राम पंचायतों में गार्बेज रिक्शे की सप्लाई कर बिल पकड़ाया गया है। मामले में कुछ पंचायतों ने रिक्शों को लौटा दिया है। वहीं कुछ पंचायतों में विवाद की स्थिति निर्मित होने लगी है।
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जानकारी के अनुसार विकासखंड बैकुंठपुर के 11 ग्राम पंचायतों में स्वच्छता अभियान के तहत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने की तैयारी है। वर्ष 2022 में प्रत्येक पंचायत में सवा चार-चार लाख की लागत से एसएलडब्ल्यूएम सेंटर(समूह के आजीविका कार्यकलाप वर्कशेड निर्माण) बनाया गया है। जहां ग्राम पंचायत से कचरा ढोने के लिए चार-चार नग रिक्शे की खरीदी होनी है। मामले में पंचायतों के खाते में राशि जमा कर निर्माण एजेंसी बनाया गया है। लेकिन बिना पंचायत के खाते में राशि कराए ही रिक्शों की सप्लाई करा दी गई है।
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आचार संहिता में पंचायतों को सामग्री की पावती देने विवश करने लग गए हैं। जिसकी गुणवत्ता को लेकर निर्माण एजेंसी परेशान हैं। मामले में सरपंच ने शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही रिक्शों को लेने से इंकार कर लौटा दिया गया है। गौरतलब है कि एमसीबी जिले के नागपुर क्षेत्र के दर्जनभर ग्राम पंचायतों में कुछ साल पहले गार्बेज रिक्शों की सप्लाई हुई थी। लेकिन डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने स्व सहायता समूह की महिलाएं तैयार नहीं हुई। जिससे बिना उपयोग और देखरेख के अभाव में रिक्शे कबाड़ में तब्दील होने लगे हैं। साथ ही कचरा रखने भवन बनाए गए हैं, जहां की शीट उखड़ने लगी है।
पंचायतें बोली- रिक्शे दो लाख के, किस मद से भुगतान करें, आदेश नहीं मिला हैग्राम पंचायत चिरगुड़ा के अनुसार एक रिक्शे की कीमत पचास हजार है। जिससे चार रिक्शे की कीमत दो लाख है। सप्लायर रिक्शा पहुंचाकर पावती मांग रहा है। वहीं पंचायत से पेमेंट करने की बात कह कर दबाव बना रहा है। फर्म ने बिल सचिव के नाम से भेजा है। मामले में पंचायत ने सामग्री लेने से मना कर दिया है। क्योंकि सामग्री की गुणवत्ता सही नहीं है और न ही सरपंच व पंचों को कोई जानकारी है। पंचायत का कहना है कि आचार संहिता के बाद ग्रामसभा में निर्णय लिया जाएगा, निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है तो खरीदी पंचायत करेगी। ऐसी चर्चा है कि जनपद से सचिवों को गुमराह कर ओटीपी के माध्यम से बिना पंचायत की जानकारी ऑर्डर कर दिया जाता है।

जानकारी के अनुसार 2 लाख की लागत से खरीदी कर चार नग रिक्शा चिरगुड़ा ग्राम पंचायत में पहुंचाया गया है। मामले में सरपंच व पंचों ने बिना स्वीकृति सामग्री पहुंचाने को लेकर हंगामा कर फर्म को लौटा दिया गया है। साथ ही आचार संहिता में बिना राशि आबंटन सामग्री पहुंचाने का विरोध किया है। जबकि ग्राम पंचायत चिरगुड़ा में चार लाख की लागत से घर बना हुआ है। जहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्माण के एक वर्ष बाद भी शौचालय की राशि का भुगतान नहीं हुआ है।
मामला संज्ञान में आया है। जनपद को रिपोर्ट देने निर्देश दिए गए हैं। निर्माण एजेंसी पंचायत हैं, उनके खाते में राशि जाने पर नियम के अनुसार खरीदी कर सकती हैं। यह ऑर्डर 26 जून माह का है। रिपोर्ट आने के बाद यदि गलत हुआ है तो कार्रवाई होगी।
– डॉ आशुतोष चतुर्वेदी, सीईओ जिला पंचायत कोरिया

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