इधर अमितावो कुमार घोष ने 2 फरवरी को इंग्लैंड से फेसबुक पर मुझे भी कुछ कहना है पार्ट-2 पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि मेरी पत्नी व आपके विधायक से अनुरोध किया हूं, लेकिन उन्हें भी सोचने-समझने व सलाह लेने के लिए 2-4 दिन का समय चाहिए…
आप भी पढ़ें अमितावो कुमार घोष का लिखा वो पोस्ट-
‘मुझे भी कुछ कहना है- पार्ट- 2
कुछ बात लिखना बेहद जरूरी हैं
काल मैं कोलकाता से लंदन आ रहा था जब मैं वो पोस्ट किया
अभी मैं इंग्लैंड में हूं (हम रहते लंदन के बाहर है )
जैसे होता है, वही हुआ
‘मुझे भी कुछ कहना है- पार्ट- 2
कुछ बात लिखना बेहद जरूरी हैं
काल मैं कोलकाता से लंदन आ रहा था जब मैं वो पोस्ट किया
अभी मैं इंग्लैंड में हूं (हम रहते लंदन के बाहर है )
जैसे होता है, वही हुआ
मेरा पोस्ट आते ही जो विधायक जी के पक्ष वाले है उनमें से 90 प्रतिशत ने चुप रहना ठीक समझा, बाकी 10 प्रतिशत ने मुझसे सम्पर्क करने की कोशिश की।
उनके विरोधी खुश हुए जैसे मोगैंबो हुआ था,
सबसे जायदा हलचल मचा उनलोगों में जिन्हें न इससे कुछ लेना है ना देना है,
उनके विरोधी खुश हुए जैसे मोगैंबो हुआ था,
सबसे जायदा हलचल मचा उनलोगों में जिन्हें न इससे कुछ लेना है ना देना है,
ट्रोलिंग चालू …..
आप जारी रखिए ?? अब जरूरी बात – मैं 2-3 सप्ताह के लिए इंग्लैंड आया हूं
क्योंकि आप ही के तरह मेरा बच्चे मेरा दुनिया है जनाब पहले परिवार, बाकी सब बाद में
( कमेन्ट में एक सज्जन ने यह बात लिखा, मैं उन्हें नमन करता हूं )
आप जारी रखिए ?? अब जरूरी बात – मैं 2-3 सप्ताह के लिए इंग्लैंड आया हूं
क्योंकि आप ही के तरह मेरा बच्चे मेरा दुनिया है जनाब पहले परिवार, बाकी सब बाद में
( कमेन्ट में एक सज्जन ने यह बात लिखा, मैं उन्हें नमन करता हूं )
मैं एकबार मेरे बच्चों से मिलना चाहता था, समझो यही मेरा जिंदगी का एक और अंतिम इच्छा थी, है और रहेगी।
मेरा कुछ काम है उसे कम्प्लीट करना था;
मुझे जो भी कहना है मैं यहां से ( इंग्लैंड) सब कुछ और पूरा कह सकता हूं अगर मैं इंडिया में रह कर लिखने जाता तो हो सकता था के मेरा बात पूरी नहिं होती।
जनाब वसीम बरेली साहब से उधार लेकर कहूंगा कि
– अगर मैं कह नहीं पाया तो वो वो भी कह देंगे मेरे बारे में
जिससे मैं कभी गुजरा ही नहीं।
मेरा कुछ काम है उसे कम्प्लीट करना था;
मुझे जो भी कहना है मैं यहां से ( इंग्लैंड) सब कुछ और पूरा कह सकता हूं अगर मैं इंडिया में रह कर लिखने जाता तो हो सकता था के मेरा बात पूरी नहिं होती।
जनाब वसीम बरेली साहब से उधार लेकर कहूंगा कि
– अगर मैं कह नहीं पाया तो वो वो भी कह देंगे मेरे बारे में
जिससे मैं कभी गुजरा ही नहीं।
मेरे पत्नी और आपके विधायक जी से मैं अनुरोध किया हूं
उन्हें भी तो दो-चार दिन का समय चाहिए सोचने और सलाह करने के लिए
थोड़ा धीरज राखिए अखिर में, मैं अगस्त 2022 में रायपुर पहुंचा और इस बार एक दिन के लिए भी पिछले 5 महीने में बैकुंठपुर नहीं आया। पर वादा कर रहा हूं अगर जिंदगी रही तो इसबार सीधा बैकुंठपुर आ रहा हूं, भले 24 घंटे के लिए।
क्योंकि गाँव का नाम, ससुराल, मोर नाम दामाद ??
उन्हें भी तो दो-चार दिन का समय चाहिए सोचने और सलाह करने के लिए
थोड़ा धीरज राखिए अखिर में, मैं अगस्त 2022 में रायपुर पहुंचा और इस बार एक दिन के लिए भी पिछले 5 महीने में बैकुंठपुर नहीं आया। पर वादा कर रहा हूं अगर जिंदगी रही तो इसबार सीधा बैकुंठपुर आ रहा हूं, भले 24 घंटे के लिए।
क्योंकि गाँव का नाम, ससुराल, मोर नाम दामाद ??
( मुझे हिन्दी लिखना आता नहीं
इंग्लिश में टाइप कर रहा हूं)
हिन्दी हो जा रहा है ! इसके लिए आप मुझे क्षमा करना)।
इंग्लिश में टाइप कर रहा हूं)
हिन्दी हो जा रहा है ! इसके लिए आप मुझे क्षमा करना)।