एसइसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र के चरचा ईस्ट कोयला खदान में कर्मचारी नाइट ड्यूटी में तैनात थे। इसी बीच खदान के 101 नंबर पैनल में रात करीब 1 बजे अचानक भूकंप से कंपन हुआ और एयर ब्लास्ट होने से कर्मचारी तिनके की तरह इधर-उधर उड़ गए। ब्लास्टिंग वाली जगह जमीन से करीब 400 फीट नीचे थी।
जिससे माइनिंग सरदार इंद्रजीत पाल, ओवरमैन संजीव कुमार व कामगार नोहरदास गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। आनन-फानन में गंभीर रूप से घायल ओवरमैन व माइनिंग सरदार को हायर सेंटर बिलासपुर अपोलो रेफर किया गया है। वहीं दो कर्मचारी को जिला अस्पताल बैकुंठपुर में भर्ती कराया गया है।
बताया जाता है कि हादसे के समय एक साथ 10-12 कर्मचारी मौजूद थे। अन्य कर्मियों को सामान्य चोट आने के कारण क्षेत्रीय अस्पताल चरचा में प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी कर दी गई है।
मौसम विज्ञान विभाग (Weather department) के अनुसार 29 जुलाई की रात चरचा कॉलरी में रात रात 12.58 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। आधी रात को उत्पन्न भूकंपीय तरंग का एपीसेंटर भू-सतह से लगभग 16 किलोमीटर जमीन के भीतर था।
भूकंप (Earthquake) भी मोडरेट श्रेणी का था। यह कच्चे मकान या भूसतह पर बने कमजोर बनावट को क्षति पहुंचाने में सक्षम था। वहीं कोरिया में ही 18 दिन पहले 11 जुलाई की सुबह 8.10 बजे पर कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के पास 4.3 रिक्टर तीव्रता वाला भूकंपीय झटका महसूस हुआ था।
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रात 12.58 बजे महसूस किए गए भूकंपीय झटके
गुरुवार-शुक्रवार की रात 12.58 बजे बैकुंठपुर के पास भूकंपीय झटके महसूस किए गए। जमीन से करीब 16 किलोमीटर एपी सेंटर था। भूकंप (Earthquake) मोडरेट श्रेणी का था। यह कच्चे मकान या भू-सतह पर बने कमजोर बनावट को क्षति पहुंचाने में सक्षम था।
अक्षय मोहन भट्ट, मौसम वैज्ञानिक अंबिकापुर