वर्षा ऋतु में सांप डसने (CG snake bite) की घटनाएं अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक बढ़ती है। इसी बात को ध्यान में रखकर जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी-पीएचसी में एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सांप के डसने पर उचित जानकारी के अभाव में लोग अक्सर झाडफ़ूंक और ओझा (देवार गुनिया बैगा) पर विश्वास कर लेते हैं।
इससे कई बार लोगों की मौत हो जाती है। सीएमएचओ डॉ. आरएस सेंगर ने कहा कि अप्रैल, मई और जून में सांप काटने के 80 प्रकरण अस्पताल तक आए हैं। इसमें 5 लोगों की मौत (Death to snake bite) हुई है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन की व्यवस्था कराई गई है।
सांप डसने पर ये करें
सीएमएचओ ने बताया कि आम जनता को सर्पदंश (Snake bite) के उपचार एवं प्रबंधन की उचित जानकारी होना बहुत ही जरूरी है। यदि किसी को सांप डस लेता है तो कुछ जरूरी काम करना चाहिए। सबसे पहले सर्पदंश पीडि़त को धीरज दिलाएं। मरीज को स्थिर रखें, घाव को पानी से धोएं। घाव को साफ कपड़े से ढक दें। कपड़े ढीले कर दें, आभूषण निकाल दें। हिलने-डुलने नहीं दें, घाव के ऊपर और नीचे टोनिरकेट नहीं लगाएं। साथ ही तुरंत अस्पताल ले जाएं।
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सीएमएचओ डॉ. सेंगर ने कहा कि सर्पदंश होने पर व्यक्ति को बेहोश नही होने देना चाहिए। मरीज की झाडफ़ूंक नहीं करवाएं। जहां सांप ने डसा है, उस जगह पर न तो चीरा लगाएं और न ही जहर चूसें। काटने वाली जगह पर रूमाल, कपड़ा, रस्सी जैसा कुछ न बांधें। दर्द कम करने के लिए पेन किलर या अल्कोहल जैसी चीजें बिल्कुल नहीं दें। यह भी पढ़ें
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सीएमएचओ डॉ. सेंगर ने कहा कि कहीं सांप देखें तो उसे न छेड़ें। वह आपसे खुद ही दूरी बना लेगा। झाडिय़ों या फसलों में हाथ या पैर डालने से पहले लकड़ी या डंडे से टटोलना चाहिए। रात में हमेशा टार्च की मदद से घर और बाहर दोनों जगह को अच्छी तरह देख कर काम करना चाहिए। घर के आसपास साफ-सफाई और चूहों को नहीं रहने देना चाहिए। सांप चूहों से आकर्षित होते हैं। रास्तों और पगडंडियों को गिरी हुई पत्तियों और घास-फूस से मुक्त रखना चाहिए। घर के बाहर हमेशा जूते या चप्पल पहन कर काम करें। जमीन में नही सोना चाहिए और हमेशा मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।