प्रगति सिंह (Pragati Singh) कोरिया जिले के बचरापोड़ी तहसील स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में 11वीं बायोलॉजी संकाय की छात्रा हैं। वह शिक्षण सत्र 2024-25 में 12वीं की पढ़ाई करेंगी। केंद्र-राज्य सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को साइंस एंड टेक्नोलॉजी की जानकारी देने और आधुनिक टेक्नोलॉजी से जोडऩे के लिए 3 बच्चों को जापान भेजने का निर्णय लिया है।
इसमेंं बचरापोंड़ी तहसील के ग्राम पंचायत बड़े कलुआ निवासी प्रगति सिंह भी शामिल हैं। उनके पिता चंद्र प्रताप सिंह किसान हैं। जापान साइंस एंड टेक्नोलॉजी एजेंसी की ओर से 16 से 22 जून तक साकुरा विज्ञान कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
समग्र शिक्षा कार्यालय के माध्यम से छत्तीसगढ़ के तीन सहित अलग-अलग राज्यों के बच्चे-सुपरवाइजर की टीम जापान जाएगी, जो सात दिन तक रोबोटिक टेक्नोलॉजी की जानकारी हासिल करेगी।
मन में थोड़ा डर लेकिन बहुत अधिक खुशी
प्रगति सिंह ने पत्रिका से चर्चा करते हुए कहा कि बिना माता-पिता को छोडक़र विदेश जाने की बात को लेकर मन में थोड़ा सा डर है। जहां एरोप्लेन से जाना है। मैं तो जिंदगी में टे्रन तक नहीं चढ़ी हूं। (CG Science and Technology) वहां हमारे स्कूल के कोई भी शिक्षक-बच्चे नहीं जाएंगे। लेकिन बहुत अधिक खुशी है, क्योंकि जापान में रोबोटिक टेक्नोलॉजी सीखने का मौका मिलेगा। यह मेरी रुचि और उपलब्ध संसाधन के हिसाब से मेरा भविष्य तय करने में मील का पत्थर साबित होगा।
कस्तूरबा स्कूल की अधीक्षिका ने पूरी की सारी प्रक्रिया
छात्र प्रगति सिंह ने बताया कि कस्तूरबा स्कूल (Kasturba school) की अधीक्षिका की अगुवाई में सारी प्रक्रियाएं पूरी हुई है। हालांकि पासपोर्ट को लेकर मेरे पिता चंद्र प्रताप सिंह के साथ बैकुंठपुर एसपी-डीएसबी कार्यालय से लेकर रायपुर तक कई बार जाना-आना हुआ। रायपुर कार्यालय के अधिकारियों ने बताया है कि पहले राजधानी जाना पड़ेगा। फिर 12 जून को उनके साथ एरोप्लेन से ही दिल्ली जाना होगा। वहां 14 जून को बुलाए हैं। जहां से सारे चयनित बच्चों-सुपरवाइजर के साथ 15 जून को जापान के लिए रवाना होंगे।