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50 हजार किताबों की चोरी व अनियमितता मामले में सस्पेंड प्रभारी प्राचार्य को मिली पदस्थापना, शुरु हुई राजनीतिक बयानबाजी

50000 books theft case: छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग का मामला, सस्पेंड से बहाली होने के बाद प्रोफेसर ड्यूटी पर पहुंची, उसी कॉलेज में बहाली के बाद लोगों के बीच शुर ुहुई चर्चा

कोरीयाMar 17, 2024 / 08:47 pm

rampravesh vishwakarma

Lahidi college Chirimiri

बैकुंठपुर. 50000 books theft case: राज्य सरकार ने शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी की लाइब्रेरी से 50 हजार किताबें चोरी होने सहित अन्य मामले में अनियमितता के आरोपी में निलंबित प्रोफेसर को बहाल कर दिया है। बहाल होने के बाद प्रोफेसर ने 12 मार्च को कॉलेज में पदभार ग्रहण कर लिया है। हालांकि उसी कॉलेज में दोबारा पदस्थापना होने के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। उनके तीसरी बार प्रभारी प्राचार्य की जिम्मेदारी लेने की चर्चा शुरु हो गई है।

चिरमिरी स्थित लाहिड़ी कॉलेज की लाइब्रेरी से ब्रिटिशकालीन सहित 50 हजार किताबें चोरी व अन्य मामले में अनियमितता बरतने के कारण जून 2022 में प्रभारी प्राचार्य डॉ. आरती तिवारी (प्राध्यापक-राजनीतिशास्त्र) को निलंबित किया गया था। साथ ही निलंबन अवधि में नवीन कन्या महाविद्यालय बैकुंठपुर में अटैच किया गया था।
जहां ज्वाइनिंग के बाद निलंबित प्रोफेसर करीब डेढ़ साल तक कॉलेज ही नहीं गई थी। छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग के तत्कालीन अवर सचिव एआर खान के हस्ताक्षर से निलंबन आदेश में उल्लेख था कि कॉलेज की लाइब्रेरी से 50 हजार किताबें व अन्य अनियमितता की जांच के आधार पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1965 के नियम 3 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।
ऐसा कृत्य के लिए राज्य शासन को यह समाधान हो गया है कि इन्हें (प्रभारी प्राचार्य) जनहित में पद पर बनाए रखना उचित नहीं है। डॉ. आरती तिवारी प्रभारी प्राचार्य द्वारा किए गए कृत्य के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।

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यह है मामला
लाइब्रेरी सहायक बिलाल अहमद की ओर से चिरमिरी थाना में 26 मई 22 को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसमें बताया गया था कि लाहिड़ी महाविद्यालय के पुराने ग्रंथालय में चोरी की 17 मई 22 को जानकारी मिली। कॉलेज के स्टाफ अशोक मानिकपुरी ने सुबह 11 बजे बताया कि पुराने ग्रंथालय में कुछ हुआ है।
उसके बाद पुराने ग्रंथालय में जाकर देखने पर लोहे के ग्रिल का ताला व लकड़ी का दरवाजा टूटा हुआ था। बाहर से देखने पर अलमारी से सारी पुस्तकें चोरी कर ली गई थीं। अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 380, 457 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था।

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ब्रिटिशकालीन किताबें तक थीं मौजूद
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय में वर्ष 1953 में शासकीय लाहिड़ी महाविद्यालय की स्थापना हुई थी। जहां से 50 हजार से ज्यादा किताबें चारी होने का मामला सामने आया था। मामले में लाहिड़ी पीजी कॉलेज के एल्युमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल(वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़) ने लाइब्रेरी पहुंचकर जायजा लिया था। मामले में प्रशासन से कार्रवाई की मांग रखी थी।
उन्होंने बताया था कि छात्रों के अध्ययन करने के लिए लाइब्रेरी एक बहुत महत्वपूर्ण जरिया होता है। हमने भी लाइब्रेरी से सभी किताबें लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की है। लाइब्रेरी में वर्ष 1930 की किताबें अभी भी पड़ी थी।
जो अध्ययन के लायक हैं। किताबें सिलेबस से बाहर हो चुकी थी, लेकिन यहां जो भी किताबें थी। वे सभी अध्ययन के लायक थीं। रिफरेंस के रूप में छात्रों को उनकी जरूरत हमेशा पड़ती है।

कार्यभार किया ग्रहण
राज्य शासन (उच्च शिक्षा विभाग) के आदेश पर प्रोफेसर डॉ. आरती तिवारी ने १२ मार्च को विधिवत कार्यभार ग्रहण किया है।
डॉ. राम किंकर पांडेय, प्रभारी प्राचार्य लाहिड़ी कॉलेज चिरमिरी

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