हालांकि इससे पहले भी कई बार ऑनलाइन टैक्स जमा करने के लिए कवायद की जा चुकी है, लेकिन हर बार यह असफल साबित हुई है। दरअसल निगम के पास टैक्स वसूली के लिए पर्याप्त कर्मचारी नहीं है। इस वजह से समय से बिलिंग और वसूली नहीं हो पाती है। निगम ने रांची की एक कंपनी से टैक्स वसूली कराने की तैयारी की थी, लेकिन सामान्य सभा में प्रस्ताव के गिर जाने की वजह से यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब निगम द्वारा अपने स्तर पर ही प्रापर्टी का सर्वे कराना शुरु किया है, हालांकि आचार संहिता लगने से कुछ दिन पहले इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब फिर से इसे शुरु करने की तैयारी है, जितने प्रापर्टी पुराने सूची में या फिर नए सर्वे में शामिल हुए हैं। उन मकानों को प्रापर्टी टैक्स के दायरे में लाया जाएगा। किस प्रापर्टी का कितना टैक्स बनेगा इसे भी ऑनलाइन करने की तैयारी है। लोग अपने वार्ड या जोन में मकान नंबर और मकान स्वामी के नाम पर खोजकर ऑनलाइन टैक्स जमा कर सकेंगे।
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केएमसी के नाम से होगा नया ऐप कोरबा म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन(केएमसी) के नाम से ऐप बनाया जा रहा है। इस ऐप में सभी वार्ड के पंजीकृत मकानों व दुकानों की सूची होगी। लोगों को आसानी से उनका नाम मिल सके। इसके लिए तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि आचार संहिता हटने के बाद इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा। पानी का यूजर चार्ज भी होगा जमा प्रापर्टी टैक्स के साथ-साथ पानी का यूजर चार्ज भी एक साथ जमा कराने पर निगम विचार करा रहा है। करीब साल भर से पानी का यूजर चार्ज जमा नहीं हो रहा है। पहले हर महीने यूजर चार्ज वसूलने की बात कही गई थी। लोग कुछ महीने तक जमा भी कर रहे थे, लेकिन बिलिंग नहीं होेने से लोगाें ने यूजर चार्ज जमा करना बंद कर दिया। बीच में एकमुश्त बिलिंग करने पर लोगाें ने विरोध भी किया था।
15 सौ से ज्यादा मकान हुए नियमित नियमितीकरण योजना के तहत कोरबा शहर के 15 सौ से ज्यादा मकान अब तक नियमित किए जा चुके हैं। हालांकि इनमें से कुछ मकानों का बिना नियमितीकरण हुए टैक्स जमा पहले से हो रहा है। अब सभी मकान प्रापर्टी टैक्स के दायरे में शामिल हो जाएंगे।
प्रापर्टी टैक्स को ऑनलाइन जमा करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। सभी प्रापर्टी को वार्डवार रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। ऐप से लोग घर बैठे टैक्स जमा कर सकेंगे। – खचांजी कुम्हार, अपर आयुक्त, निगम कोरबा