मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए शख्त निर्देश दिए है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। साय ने ट्वीट कर कहा की, कोरबा जिले के पोड़ी ब्लॉक के दर्री पारा गांव में तेज आंधी-तूफान के कारण स्कूल का छज्जा गिरने से बच्चों के घायल होने की दुःखद खबर प्राप्त हुई। घायल बच्चों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। हादसे को लेकर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा, लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी और पुरे मामले की जांच होगी। कोरबा के डीईओ तामेश्वर प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि घायल विद्यार्थियों को पास के अस्पताल पहुंचाया गया। प्राथमिक इलाज के बाद 7 बच्चों को छुट्टी दे दी गई है। 5 बच्चों को पेंड्रा के एक अस्पताल में भर्ती किया गया है।
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ऐसे हुआ था हादसा कोरबा से 70 किलोमीटर दूर पसान के दर्रीपारा प्राथमिक शाला में की छत पर लगा टीन का शेड तेज हवा के साथ उड़ गया। इस हादसे में 12 बच्चे घायल हो गए। कई विद्यार्थियों पर ईंट के बड़े टुकड़े गिरे। इससे तीन बच्चों के सिर पर गंभीर चोट आई। वहीं कुछ बच्चों के हाथ टूटने की जानकारी मिली है। गंभीर रूप से घायल पांच छात्रों को पेंड्रा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। घायल बच्चों की उम्र छह से 12 साल के बीच की बताई जा रही है।
बुधवार दोपहर लगभग एक बजे प्राथमिक शाला में पढ़ने वाले बच्चे मध्याह्न भोजन कर रहे थे। बच्चे कमरे में नीचे फर्श पर बैठे थे। इस बीच तेज आंधी चली जिससे स्कूल भवन के टिन का शेड उड़ गया। टिन को चारों तरफ से दबाने के लिए घेरे गए ईंट के टुकड़े छात्रों पर गिरने लगे। छात्रों के बीच अफरा-तफरी मच गई। छात्र चींखने-चिल्लाने लगे। लगभग पांच मिनट तक छात्र इधर-उधर भागते रहे और छत की दीवाल से ईंटें नीचे गिरती रहीं। इस घटना में 12 बच्चे घायल हो गए। बच्चों की चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर पास में रहने वाले ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंचे। एंबुलेंस की मदद से घायल बच्चों को पसान के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टर ने सात बच्चों को छुट्टी दे दिया। हाथ, पैर और सिर में चोट लगने पर पांच बच्चों को पेंड्रा रेफर किया गया। घायल बच्चों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।