कटघोरा के वनमंडलाधिकारी कुमार निशांत ने बताया कि गुरुवार सुबह 11 बजे वन परिक्षेत्र चैतमा अंतर्गत राहा के जंगल में एक तेंदुए की लाश मिली थी। मौके पर पहुंचकर इसकी जांच की गई थी। तेंदुए के 6 नाखून, दो दांत, पीठ की चमड़ी, पूंछ गायब थे। घटना स्थल को देखकर शिकारी द्वारा तेंदुए को (Crime News) मारने जैसा प्रतीत हो रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग की ओर से इसकी जानकारी मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर प्रभात मिश्रा को दी गई। मामले की जांच के लिए रायपुर की जंगल सफारी से डॉग स्क्वायड को बुलाया गया। तेंदुए की मौत का कारण जानने के लिए पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों से पोस्टमार्टम कराया गया।
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CG Crime News: आसपास के जंगल में छानबीन की गई। तब पता चला कि घटना स्थल से थोड़ी दूरी पर राहा के जंगल में नाला किनारे एक बछड़ा मरा हुआ मिला। इस बछड़े के आधे अंग को जंगली जानवर खा गया था। मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए वन विभाग ने इस बछड़े के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि यह बछड़ा गोविंद सिंह गोंड़ (उम्र 52 वर्ष) का है जो ग्राम भौरदा पोस्ट लाफा पाली का रहने वाला है। विभाग की टीम ने उसके घर छापेमारी की। मकान की तलाशी ली। पूछताछ के लिए गोविंद को पकड़कर वन विभाग के अफसर अपने साथ ले गए। पूछताछ के दौरान गोविंद ने बताया कि उसके गाय के बछड़े को तेंदुआ ने जंगल में मार दिया था। इससे क्रोधित होकर उसने अपने पुत्र लाल सिंह (उम्र 23 वर्ष) के साथ मिलकर तेंदुए को मारने की योजना बनाई और इसकी जानकारी गोविंद ने अपने समधी रामप्रसाद (उम्र 44 वर्ष) को दी, जो मिरसिया दर्रीपारा का रहने वाला था। तीनों ने तेंदुए को मारने की योजना बनाई और इसके लिए बछड़े के लाश पर जहर फैला (Father and son kill leopard) दिया। इसके बाद सभी घर लौट गए। मांस खाने के लिए तेंदुआ दोबारा बछड़ा के पास पहुंचा। मांस में जहर मिला होने के कारण तेंदुए की मौत हो गई। वन विभाग ने तेंदुआ के शरीर का अंतिम संस्कार का दिया है।