बिलासपुर मंडल के रेलवे प्रबंधन पर कोयला संपे्रषण का दबाव बढऩे के बाद जिले के यात्रियों की सुविधाओं को नजरअंदाज करते हुए सात जनवरी से दोपहर 1:37 बजे रवाना होने वाली मेमू लोकल को बंद कर दिया गया था। वहीं 22 जनवरी से हसदेव एक्सपे्रस व लिंक एक्सपे्रस को छोड़कर दो दर्जन टे्रनों को दो फरवरी तक बंद कर दिया था। हालांकि रेलवे प्रबंधन ने टे्रन के बंद होने का कारण सारागांव-चांपा मार्ग पर आधुनिकीकरण व मरम्मतीकरण बताया था। तीन मार्च से सभी टे्रनों का परिचालन शुरू होना था, लेकिन मियाद पूरी होने के दूसरे दिन उरगा स्टेशन के पास मालगाड़ी का पहिया पटरी से उतर गया था। इसके उपरांत प्रबंधन ने एक्सपे्रस टे्रनों को तो चालू कर दिया, लेकिन तीन जोड़ी मेमू व पैसेंजर को 50 दिनों के लिए फिर से रद्द कर दिया।
दातुन तोडऩे गए ग्रामीण पर भालू ने किया हमला, चार दिन में तीसरी घटना से दहशत में ग्रामीण इससे गेवरोराड, उरगा, सरगबुंदिया, कोथारी रोड, बालपुर स्टेशन व क्षेत्र के ग्रामीण यात्रियों को गंतव्य स्थान तक पहुंचने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी। एक अपै्रल से तीन जोड़ी गाडिय़ां फिर से शुरू हो जाएगी। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
अब यात्रियों को नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार
वहीं दूर-दराज व ग्रामीण क्षेत्र के लोकल टे्रन के यात्रियों को इन ढाई महीने में काफी दिक्कते हुईं। यात्री लोकल टे्रन से सफर करने के लिए स्टेशन पहुंच रहे थे। स्टेशन पहुंचते ही टे्रन रद्द होने की सूचना देखकर मायूस हो जाते थे। इस बीच बड़ी संख्या में यात्री अगली टे्रन के इंतजार में स्टेशन परसिर पर ही बैठे रहते थे। इससे यात्रियों में कई बार नाराजगी भी देखी गयी। एक अप्रैल से रद्द सभी ट्रेनों के पुन: संचालन में आने से अब यात्रियों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।