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कोरबा

दर्दनाक! चालू कन्वेयर बेल्ट मे फंसकर मजदूर की मौत, शरीर का हुआ ऐसा हाल…देखकर रो पड़ा परिवार

Korba Accident News: कोरबा एसईसीएल की कुसमुंडा साइलो में बड़ा हादसा हुआ। कन्वेयर बेल्ट की चालू लाइन में काम करते समय एक मजदूर फंस गया। उसे गंभीर चोटें आई। कन्वेयर बेल्ट से मजदूर को बाहर निकालने में करीब डेढ़ घंटे का समय लगा।

कोरबाFeb 19, 2024 / 12:48 pm

Khyati Parihar

CG Accident News: कोरबा एसईसीएल की कुसमुंडा साइलो में बड़ा हादसा हुआ। कन्वेयर बेल्ट की चालू लाइन में काम करते समय एक मजदूर फंस गया। उसे गंभीर चोटें आई। कन्वेयर बेल्ट से मजदूर को बाहर निकालने में करीब डेढ़ घंटे का समय लगा। इस बीच मजदूर की सांस उखड़ने लगी। घायल को अस्पताल पहुंचाया गया। इलाज के दौरान मजदूर ने दम तोड़ दिया।
घटना से नाराज मजदूरों ने कुसमुंडा के सतर्कता चौक पर हंगामा किया। करीब छह घंटे तक कोयला परिवहन को रोक दिया। खदान से निकले का कोयला स्टॉक तक पहुंच रहा था न ही स्टॉक से कोयला लेकर रोड सेल की गाड़ियां बाहर जा रही थीं। इससे दबाव में आई ठेका कंपनी ने मृतक के परिवार को लगभग 11 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। मजदूर के पुत्र को कंपनी में काम देने का वादा किया। इसके बाद मामला शांत हुआ।
दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे मजदूरों का धरना प्रदर्शन खत्म हुआ। कोयला परिवहन शुरू हुआ। बताया जाता है कि ग्राम खम्हरिया वैशालीनगर में रहने वाला छेदीलाल यादव (45) एसईसीएल की कन्वेयर को चलाने वाली ठेका कंपनी सामंत में काम करता था। शनिवार को ड्यूटी गया था। सामंता कंपनी के इंजीनियर ने कन्वेयर बेल्ट को चलाने वाली कैरिंग रोलर को चेक करने के लिए मजदूरों से कहा। सभी मजदूरों ने कैरिंग रोलर को चेक किया। अपनी रिपोर्ट इंजीनियर को दिया। छेदीलाल ने अपनी रिपोर्ट में एक कैरिंग रोलर को टूटा हुआ बताया। इस पर इंजीनियर ने छेदीलाल को टूटे हुए कैरिंग रोलर को बाहर निकालने के लिए कहा। कन्वेयर बेल्ट की चालू लाइन में छेदीलाल कैरिंग रोलर को बाहर निकाल रहा था। इस बीच रोलर में छेदीलाल का हाथ फंस गया। रोलर से जोरदार झटका लगा। मजदूर बेल्ट में फंस गया। छेदीलाल पर थोड़ी दूरी पर खड़े अन्य मजदूरों की नजर पड़ी। उन्होंने दौड़कर कन्वेयर बेल्ट को बंद किया। काफी कोशिश के बाद बेल्ट से छेदीलाल को बाहर निकाला गया। निजी गाड़ी से घायल को कोरबा के निजी अस्पताल पहुंचाया गया। इलाज के दौरान रविवार तड़के 3.30 से 4 बजे के बीच मजदूर की मौत हो गई। छेदीलाल के परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्र एक पुत्री है। घटना से परिवार को रो- रोकर बुरा हाल है।
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मजदूरों में इस बात से भी नाराजगी थी कि इतनी बड़ी घटना के बाद किसी भी श्रमिक संगठन के पदाधिकारी घटना का कारण जानने नहीं पहुंचे। यह स्थिति तब है जब यूनियन हर हड़ताल में ठेका मजदूरों से सहयोग की मांगती है। लेकिन जब मजदूरों को सहयोग की जरुरत पड़ती है, तो (Breaking News) यूनियन पीछे हट जाती है।
ठेका मजदूरों की एकजुटता से मिला मुआवजा

Korba News: सतर्कता चौक पर धरना प्रदर्शन के दौरान स्थानीय पार्षद अमरजीत सिंह मजदूरों का साथ दिया। मजदूरों लेकर धरना स्थल पर बैठ गए। 6 घंटे की कोशिश के बाद प्रबंधन की ओर से परिवार को 11 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई।
मजदूरों ने घेरा साइलो, नहीं बनी बात तो सतर्कता चौक पर रोक दिया कोयला परिवहन

मजदूर के मारे जाने की खबर रविवार सुबह तेजी से फैली। इससे मजदूर नाराज हो गया। मजदूरों ने घटना के लिए इंजीनियर की लापरवाही को दोषी माना। आक्रोशित मजदूराें ने साइलो को बंद कर दिया। इसे घेर लिया। मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता की मांग करने लगे। बात नहीं बनी तो मजदूर सतर्कता चौक पर बैठ गए। उसके साथ ग्राम खम्हरिया के लोग भी थे। लोगों ने सुबह 10.30 बजे से सतर्कता चौक से होकर गुजरने वाली गाड़ियों को रोक दिया। इससे खदान की फेस से स्टॉक तक कोयला परिवहन बंद हो गया। स्टॉक से कोयला लेकर अलग- अलग स्थानों तक जाने वाले ट्रक और ट्रेलर के पहिये थम गए। कोयला परिवहन बंद होने से एसईसीएल प्रबंधन पर दबाव बन गया। बातचीत के लिए एसईसीएल और ठेका कंपनी सामंता के अधिकारी मौके पर पहुंची। मृतक के परिवार के लिए आंदोलनकारियों ने 12 लाख रुपए की आर्थिक सहायता मांगी। प्रबंधन इस राशि को देने के लिए तैयार नहीं हो रहा था। इसे लेकर विवाद गहरा गया। करीब छह घंटे की कोशिश के बाद प्रबंधन ने 11 लाख रुपए प्रदान किया। साथ ही छेदीलाल के पुत्र को सामंता कंपनी ठेके पर रखने को तैयार हुई। छेदीलाल की पत्नी को हर माह उतनी राशि देने पर सहमत हुआ जितना काम पर छेदीलाल को दिया जाता था। इसके बाद दोपहर करीब 3.30 बजे मामला शांत हुआ। आंदोलनकारी सतर्कता चौक से हट गए। कोयला परिवहन शुरू हुआ।
कोयला लोडिंग का दबाव और इंजीनियर की लापरवाही ने ली मजदूर की जान

Bigg Accident In Korba: घटना के लिए मजदूरों ने सामंता कंपनी के इंजीनियर की लापरवाही को दोषी माना है। मजदूरों ने बताया कि कन्बेयर बेल्ट कैरिंग बेल्ट टूटा हुआ था। इससे बेल्ट आवाज कर रहा था। इंजीनियर को कन्वेयर बेल्ट बंद कराना चाहिए था। इसके बाद टूट हुए कैरिंग रोलर को बाहर निकलवाना था। लेकिन इंजीनियर कन्वेयर बेल्ट को बंद किए बिना ही छेदीलाल से रोलर को बाहर निकालवा रहा था। इससे जानलेवा हादसा हुआ। इसी तरह का एक और हादसा पहले भी हुआ था जिसमें मजदूर मारा गया था।
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