यह भी पढ़ें
CG Election result 2023 : छत्तीसगढ़ चुनाव नतीजों में महज 24 घंटे बाकी… प्रत्याशियों के लिए जारी हुआ आदेश
पर्यावरण… क्लीनिक में इन क्षेत्रों के मरीज सबसे अधिक आ रहे हैं। क्षेत्रीय पर्यावरण विभाग का दावा है कि प्रदूषण की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है, लेकिन जब भी मानक से अधिक प्रदूषण होता है तो नोटिस देकर खानापूर्ति कर ली जाती है।
करोड़ों की मशीनें सिर्फ दिखावे के लिए सड़कों पर कोल डस्ट और राखड़ कम करने के लिए कोरबा निगम व तीन उद्योगों ने करोड़ों की स्वीपिंग मशीनें खरीदी हैं। लेकिन ये मशीनें खुद धूल खा रही हैं क्योंकि इन्हें खराब सड़कों पर नहीं चलाया जा सकता।
यह भी पढ़ें
छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में 23 सीटें हो गईं लैप्स, स्टूडेंट्स इन विषयों में दिखा रहे रुचि…
मशीनें ऐसी जगहों पर लगी जहां प्रदूषण ही नहीं थर्मल संयंत्रों ने प्रदूषण के मानक पर निगरानी रखने के लिए सीजीओसीएमएमएस पोर्टल शुरू किया है। इससे सभी उद्योगों द्वारा लगाए गए ऑनलाइन निगरानी सिस्टम पर नजर रखी जाती है। कोरबा के कई संयंत्रों और खदानों के बाहर कॉलोनी में ये मशीनें लगाई गई है। कहीं भी बायपास सड़कों पर या कोल साइडिंग व ऐश डेम में मशीनें नहीं लगाई गई है।