वन अमले ने मुखबिर से मिली सूचना के बाद अपने सभी कर्मियों को अलर्ट किया। इसके बाद कोण्डागांव डीएफओ रमेश जांगड़े के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने मौके पर पहुंच ओडिशा सीमा से लगे गांव की रेकी करते हुए हर आने-जाने वाले वाहनों की जांच में जुटी गई। तभी 17 जुलाई की शाम 5:30 बजे के आसपास मिरमिंडा में सड़क किनारे कुछ लोग संदिग्ध अवस्था में टीम को नजर आए।
यह भी पढ़ें
CG Crime News: जंगल से आ रही थी चिल्लाने की आवाज, पहुंची पुलिस तो भागे लोग, 5 आरोपी गिरफ्तार
जिन्हें टीम के सदस्यों ने घेराबंदी कर पकड़ा और उनके पास रखे सामान की पतासाजी कर जांच की। तस्करों के पास से एक बोरी में तेंदुए की खाल मिली। जिसे मौके पर ही जांच के बाद जप्त कर लिया गया। सूत्रों के मुताबिक जप्त की गई तेंदुए की खाल तकरीबन दो माह पहले की है और तेंदुए की उम्र डेढ़ से 2 साल हो सकती है। हालांकि फॉरेंसिक जांच के बाद ही इसका खुलासा हो पाएग। जिस इलाके में तस्कर पकड़ाए हैं वहां लकड़ी और वन्य जीवों की तस्करी पहले भी होती रही है।इन आरोपियों ने तेंदुए की खाल नोंची
जांच के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों ने अपना नाम मन्नूराम मरकाम पिता चेनूराम निवासी निवासी छोटे डोंगरी रायगढ़ उड़ीसा, गणेश गोंड निवासी हल्दी उड़ीसा, धनपति पोयम पिता फगुनुरम ग्राम निर्मिंदा जिला कोंडागांव, गंगाराम पुजारी पिता स्वर्गीय सुखमण कुमली उड़ीसा, चेरा पुजारी पिता सुखमण निवासी कुंमली भट्टी उड़ीसा एवं धनपति मरकाम पिता स्वर्गीय रायसिंग निवासी माकडी कोंडागांव होना बताया। जप्त सामान की विधिवत रूप से पंचनामा किया गया आरोपियों पर पर्याप्त साक्ष्य सबूत पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ वन परिक्षेत्र अमरावती में वन अपराध प्रकरण दर्जकर सभी इच्छा आरोपियों को गुरुवार को न्यायालय मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट में प्रस्तुत किया गया। जहां से सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।