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कोलकाता

पश्चिम बंगाल को जल्द मिलेंगे दो नए निजी विश्वविद्यालय

पश्चिम बंगाल को एक ही दिन दो नए विश्वविद्यालय मिलने का रास्ता साफ हो गया। मंगलवार को राज्य विधानसभा में इनसे संबंधित विधेयक पारित हो गया। हालांकि दोनों विश्वविद्यालय निजी होंगे। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के समापन से एक दिन पहले राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने सदन में रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय विधेयक 2024 और रामकृष्ण परमहंस विश्वविद्यालय विधेयक 2024 को पेश किया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के चर्चा के बाद दोनों विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गए।

कोलकाताDec 11, 2024 / 04:07 pm

Rabindra Rai

पश्चिम बंगाल को जल्द मिलेंगे दो नए निजी विश्वविद्यालय

पश्चिम बंगाल को जल्द मिलेंगे दो नए निजी विश्वविद्यालय

रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और रामकृष्ण परमहंस विश्वविद्यालय विधेयक पारित

पश्चिम बंगाल को एक ही दिन दो नए विश्वविद्यालय मिलने का रास्ता साफ हो गया। मंगलवार को राज्य विधानसभा में इनसे संबंधित विधेयक पारित हो गया। हालांकि दोनों विश्वविद्यालय निजी होंगे। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के समापन से एक दिन पहले राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने सदन में रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय विधेयक 2024 और रामकृष्ण परमहंस विश्वविद्यालय विधेयक 2024 को पेश किया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के चर्चा के बाद दोनों विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गए। सदन में दोनों विधयकों पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ. शंकर घोष ने कुल 64 संशोधन संबंधी प्रस्ताव को लाया लेकिन, शिक्षा मंत्री बसु ने एक को छोडक़र सभी संशोधन प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

मुख्य कैंपस हुगली के धनियाखाली और उत्तर 24 परगना के आगरपाड़ा में होगा

सदन में पारित विधेयक के अनुसार रामकृष्ण परमहंसदेव विश्वविद्यालय के प्रबंधन का प्रभारी रामकृष्ण विवेकानन्द मिशन होगा। इसका मुख्य कैंपस अगले वर्ष जुलाई में उत्तर 24 परगना जिले के आगरपाड़ा में खुलेगा और इसे राज्यभर में अपने कॉलेज खोलने का अधिकार होगा। इसमें अंग्रेजी, खाद्य और पोषण, संस्कृत, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान और भूगोल के साथ ही एमसीए, बीसीए, एमएसडब्ल्यू और बीबीए सहित अन्य पाठ्यक्रमों के स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई होगी।
इसी तरह रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का मुख्य कैंपस हुगली जिले के धनियाखाली में खुलेगा और इसे राज्य भर में अपने कॉलेज खोलने का अधिकार होगा। इसके प्रबंधन का प्रभारी कालीपद साहा मेमोरियल ट्रस्ट होगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दोनों विश्वविद्यालयों की निरीक्षक होंगी।

25 वर्ष पहले से आवेदन कर रहा रामकृष्ण मिशन

रामकृष्ण विवेकानन्द मिशन इस विश्वविद्यालय की स्वीकृति के लिए वर्ष 1999 से शिक्षा विभाग से आवेदन कर रहा था लेकिन, राज्य सरकार ने मंजूरी नहीं दी। मिशन ने आखिरी बार 2018 में आवेदन किया था। तब शिक्षा विभाग ने आवेदन को स्वीकार किया। शिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों ने विश्वविद्यालय के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस वर्ष कैबिनेट की बैठक में दोनों विश्वविद्यालयों को खोलने की अनुमति दी थी। सदन में विधेयक पारित होने पर रामकृष्ण विवेकानन्द मिशन ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

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