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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद और राम मंदिर बनाने को लेकर मची होड़

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर की ओर से मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर एक मस्जिद बनाने का प्रस्ताव रखे जाने के कुछ दिन बाद भाजपा की मुर्शिदाबाद इकाई ने बहरमपुर में राम मंदिर निर्माण की योजना की घोषणा की है। इस प्रकार बाबरी मस्जिद और राम मंदिर बनाने को लेकर दोनों पार्टियों में होड़ मच गई है। भाजपा ने यह घोषणा भरतपुर से तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर की ओर से जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद जैसी मस्जिद बनाने का सुझाव देने के जवाब में की है।

कोलकाताDec 14, 2024 / 05:39 pm

Rabindra Rai

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद और राम मंदिर बनाने को लेकर मची होड़

तृणमूल ने मस्जिद और भाजपा ने की मंदिर बनाने की घोषणा, धार्मिक स्थलों का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की संभावना

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर की ओर से मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर एक मस्जिद बनाने का प्रस्ताव रखे जाने के कुछ दिन बाद भाजपा की मुर्शिदाबाद इकाई ने बहरमपुर में राम मंदिर निर्माण की योजना की घोषणा की है। इस प्रकार बाबरी मस्जिद और राम मंदिर बनाने को लेकर दोनों पार्टियों में होड़ मच गई है। भाजपा ने यह घोषणा भरतपुर से तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर की ओर से जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद जैसी मस्जिद बनाने का सुझाव देने के जवाब में की है। भाजपा का कहना है कि बरहमपुर में राम मंदिर निर्माण 22 जनवरी, 2025 को शुरू होगा। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का एक वर्ष पूरा होगा। मंदिर के लिए भूमि की पहचान पहले ही की जा चुकी है। इसमें कुल 10 करोड़ रुपए खर्च होने का नुमान है। भाजपा के बहरमपुर संगठनात्मक जिला अध्यक्ष शाखाराव सरकार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमने बहरमपुर इलाके में मंदिर के लिए जमीन की पहचान कर ली है। अयोध्या के राम मंदिर की डिजाइन के आधार पर राम मंदिर का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा।

भावनाओं का सम्मान होगा: कबीर

भाजपा से पहले मस्जिद की योजना की घोषणा करते हुए तृणमूल विधायक कबीर ने कहा कि यह क्षेत्र की महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक आबादी की भावनाओं का सम्मान होगा। 2025 तक, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के समान मस्जिद के निर्माण का गवाह बनेगा। यह परियोजना 1992 में अयोध्या में ध्वस्त की गई ऐतिहासिक मस्जिद को श्रद्धांजलि होगी। प्रस्तावित मस्जिद राज्य की 34 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगी। आलोचना होने के बाद कबीर ने अपना बचाव करते हुए कहा कि यह हमारी विरासत को संरक्षित करने के लिए है, न कि विभाजन पैदा करने के लिए होगा। मैंने केवल बाबरी मस्जिद के विध्वंस से अल्पसंख्यकों को हुए दर्द को व्यक्त कर रहा था। मेरा बयान भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है। मेरा भडक़ाने का इरादा नहीं हैं।

तृणमूल ने बताया व्यक्तिगत मामला

कबीर के इस बयान की विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहा कि कबीर के इस बयान से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी के एक अन्य नेता कुणाल घोष ने इसे कबीर का ‘व्यक्तिगत मामला’ बताया। उन्होंने कहा कि यह कबीर का निजी मामला है। अगर कोई चाहे तो अपनी जमीन पर मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरुद्वारा बना सकता है। यह उनका निर्णय है।

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