प्रश्न- कथक नृत्य शैली में रंगीला शंभू प्रस्तुति के पीछे की कहानी क्या है?
जवाब – आमतौर पर लोग भगवान शिव को उनके रूद्र रूप के कारण जानते हैं। लेकिन उनके अनेक रूप हैं। वे दान शिरोमणि, दयालु और भोले भी हैं। जयपुर में लोग गीत गाकर भगवान शिव को सपरिवार अपने यहां आमंत्रित करते हैं। रंगीला शंभू में भगवान के इन सभी रूपों को दर्शाया गया है। यह लोगों को खूब भाता है।
जवाब – आमतौर पर लोग भगवान शिव को उनके रूद्र रूप के कारण जानते हैं। लेकिन उनके अनेक रूप हैं। वे दान शिरोमणि, दयालु और भोले भी हैं। जयपुर में लोग गीत गाकर भगवान शिव को सपरिवार अपने यहां आमंत्रित करते हैं। रंगीला शंभू में भगवान के इन सभी रूपों को दर्शाया गया है। यह लोगों को खूब भाता है।
प्रश्न – इन दिनों आप कथक नृत्य के प्रति लोगों के रुझान को कैसे देखते हैं?
जवाब – हमेशा से लोग अच्छी कला और उसके प्रदर्शन के प्रेमी रहे हैं। वह चाहे नृत्य हो या गीत-संगीत। अभी भी कथक नृत्य की अच्छी प्रस्तुति को पसंद करते हैं। जब नृत्य के साधक बेहतर तरीके से नृत्य पेश करता है तो लोगों को उसका बेसब्री से इंतजार रहता है। आज भी कोलकाता, राजस्थान, पुणे और लखनऊ सहित देश के अन्य जगहों पर कथक नृत्य के साधक हैं और वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके कार्यक्रम भी होते हैं।
जवाब – हमेशा से लोग अच्छी कला और उसके प्रदर्शन के प्रेमी रहे हैं। वह चाहे नृत्य हो या गीत-संगीत। अभी भी कथक नृत्य की अच्छी प्रस्तुति को पसंद करते हैं। जब नृत्य के साधक बेहतर तरीके से नृत्य पेश करता है तो लोगों को उसका बेसब्री से इंतजार रहता है। आज भी कोलकाता, राजस्थान, पुणे और लखनऊ सहित देश के अन्य जगहों पर कथक नृत्य के साधक हैं और वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके कार्यक्रम भी होते हैं।
प्रश्न- भारत की तुलना में विदेशों में कथक कितनी लोकप्रिय है?
जवाब – भारत तो कथक नृत्य का जननी रहा है, लेकिन विदेशों में भी इसके रसिक हैं। भारतीय कलाकारों को कथक नृत्य प्रस्तुत करने के लिए विदेशों में बुलाया जाता है। विदेशों में लोग कथक को समझने लगे हैं। इसका श्रेय मीडिया को जाता है।
जवाब – भारत तो कथक नृत्य का जननी रहा है, लेकिन विदेशों में भी इसके रसिक हैं। भारतीय कलाकारों को कथक नृत्य प्रस्तुत करने के लिए विदेशों में बुलाया जाता है। विदेशों में लोग कथक को समझने लगे हैं। इसका श्रेय मीडिया को जाता है।
प्रश्न- कथक की नई शैली कथक के लिए यह कितना अच्छा है?
जवाब- हम चाहते हैं कि नई पीढ़ी के कलाकार कथक में नए-नए प्रयोग कर नई शैली विकसित करें। लेकिन इसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। अगर इसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ हुई तो कथक और कलाकार दोनों के लिए ठीक नहीं होगा।
जवाब- हम चाहते हैं कि नई पीढ़ी के कलाकार कथक में नए-नए प्रयोग कर नई शैली विकसित करें। लेकिन इसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। अगर इसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ हुई तो कथक और कलाकार दोनों के लिए ठीक नहीं होगा।