ममता ने अमिताभ बच्चन को यह देने की मांग की
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 28वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के उद्घाटन समारोह में बॉलीवुड के बिग- बी अमिताभ बच्चन को भारत रत्न देने की मांग की। उन्होंने कहा कि अमिताभ लिविंग लीजेंड हैं। बंगाल मानवता, संवेदनशीलता, रचनात्मकता, और विभिन्नता में एकता की मिसाल है।
ममता ने अमिताभ बच्चन को यह देने की मांग की
कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव का आगाज
दस केन्द्रों में 42 देशों की 183 फिल्मों का होगा प्रदर्शन
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 28वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के उद्घाटन समारोह में बॉलीवुड के बिग- बी अमिताभ बच्चन को भारत रत्न देने की मांग की। उन्होंने कहा कि अमिताभ लिविंग लीजेंड हैं। बंगाल मानवता, संवेदनशीलता, रचनात्मकता, और विभिन्नता में एकता की मिसाल है। इन मूल्यों के लिए वे संघर्ष करती रहेंगी। बंगाल अपने आत्मसम्मान से कभी समझौता नहीं करेगा। कभी भी किसी के आगे सिर नहीं झुकाएगा। नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित समारोह में राज्यपाल सीवी आनंद बोस, अभिनेता अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, जया बच्चन, रानी मुखर्जी, शत्रुघ्न सिन्हा, पूर्व क्रिकेटर सौरभ गांगुली, बॉलीवुड, टॉलीवुड के सिने सितारों सहित कलाकार उपस्थित थे। फिल्मोत्सव के अंतर्गत महानगर के दस केन्द्रों में 42 देशों की 183 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। फिल्मोत्सव 22 दिसम्बर को खत्म होगा।
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अंग्रेजों के समय से निशाने पर रहा फिल्म उद्योग: अमिताभ
समारोह के उद्घाटनकर्ता महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा कि आजादी से पहले भारतीय सिनेमा ब्रिटिश हुकूमत के निशाने पर रहा। आजादी के आंदोलन को भारतीय फिल्म निर्माताओं ने सख्त कानूनों के बावजूद रचनात्मक्ता के जरिए अभिव्यक्ति प्रदान की। सिनेमा ने उस दौर में देशभक्ति का प्रचार प्रसार किया और अंग्रेजी राज के कुशासन के पर्दाफाश का अनोखा तरीका भी अपनाया। उन्होंने बताया कि वर्ष 1943 में रिलीज फिल्म का गीत -दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिंदुस्तान हमारा है- का चित्रण पर्दे पर भले ही जर्मनी और जापान के लिए था लेकिन उसका उद्देश्य अंग्रेजों को भारत से हटाने का था।
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विमर्शों के साथ सिनेमा आगे बढ़ता रहा
अमिताभ ने कहा कि आजादी के बाद सामाजिक समस्याओं, मानवीय संवेदनाओं, अलग-अलग विमर्शों के साथ सिनेमा आगे बढ़ता रहा। बंगाल ने सिनेमा के क्षेत्र में कई दिग्गज हस्तियां पैदा की हैं। जिन्होंने अलग- अलग फलकों पर अपने- अपने समय में रचनात्मकता के जरिए लोगाों को सिखाया, पढ़ाया और संदेश भी दिया। बच्चन ने लगभग आधे घंटे तक चले अपने भाषण में भारतीय सिनेमा के इतिहास के अलग अलग कालखंडों पर लंबी चर्चा की। अपने उद्बोधन में उन्होंने कई बार महात्मा गांधी का नाम लिया। उन्होंने बताया कि पिछली सदी की शुरुआत में विश्व युद्धों और स्पेनिश फ्लू जैसी आपदा के बावजूद सिनेमा तेजी से आगे बढ़ा। इससे यही साबित होता है कि आपदाएं आगे बढऩे का मार्ग प्रशस्त करती हैं। कोविड के दो साल होने के बाद अब एक बार फिर सिनेमा आगे बढ़ रहा है। अपने उद्बोधन में उन्होंने नागरिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वंत्रतता पर पाबंदी लगाए जाने पर चिंता भी जताई।
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सोशल मीडिया पर बरसे शाहरुख
बंगाल के ब्रांड एम्बेसडर शाहरुख खान अपनी आने वाली फिल्म पठान को लेकर सोशल मीडिया पर जारी बॉयकाट के प्रकरण पर चुप नहीं रह पाए। हालांकि उन्होंने अपनी फिल्म का जिक्रतो नहीं किया। लेकिन सोशल मीडिया को निशाने पर जरूर लिया। शाहरुख ने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ समूह नकारात्मकता का प्रचार प्रसार करते हैं। सिनेमा जगत को आगे आकर सकारात्मक तरीके से इसका विरोध करना चाहिए। शाहरुख ने कहा कि विचारों की संकीर्णता सोशल मीडिया पर बढ़ती जा रही है। ऐसा होना सही नहीं है। सिनेमा जगत को इसका काउंटर नेरेटिव तैयार करना होगा।
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