73.37 लाख मतदाता करेंगे किस्मत का फैसला
कुल 73 लाख 37 हजार 651 मतदाता सात मई को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं, जिनमें 26,12,395 महिलाएं और 154 ट्रांसजेंडर हैं। सभी राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोडी है। मालदह और मुर्शिदाबाद लोकसभा क्षेत्र में असली मुकाबला तीन राजनीतिक ताकतों – सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी और वाम-कांग्रेस गठबंधन के बीच है। भाजपा के लिए प्रचार अभियान में उतरने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सांसद अभिषेक बनर्जी ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए जोरदार प्रचार किया। कांग्रेस- वाम गठबंधन ने छोटी बैठकें करने के अलावा ज्यादातर घर-घर जाकर प्रचार करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
चार में से तीन हॉट सीट
चार में से तीन हॉट सीट हैं। इस बार मालदह के शिल्पकार कांग्रेस के दिवंगत नेता एबीए गनीखान चौधरी का विरासत, भाजपा की साख और माकपा के बंगाल सचिव मोहम्मद सलीम की प्रतिष्ठा दाव पर है। इन चारों सीटों से लड़ रहे 57 उम्मीदवारों में से मुर्शिदाबाद से माकपा उम्मीदवार मोहम्मद सलीम, मालदह दक्षिण से एबीए गनी खान चौधरी के भतीजे ईशा खान, उनके खिलाफ खड़ी भाजपा उम्मीदवार श्रीरुपा मित्रा चौधरी, मालदह उत्तर से भाजपा सांसद और उम्मीदवार खगेन मुर्मू प्रमुख हैं। भाजपा विधायक श्रीरुपा और ईशा खान पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि खगेन मुर्मू मालदह उत्तर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में दूसरी बार मैदान में हैं। माकपा के राज्य सचिव पहली बार मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। इस चुनाव में कांग्रेस माकपा नीत वाम मोर्चा के साथ सीट समझौता कर चुनाव लड़ रही है।