राष्ट्रपति और राज्यपालों के खिलाफ नहीं की जा सकती कोई आपराधिक कार्रवाई : पूर्व राज्यपाल तथागत
राज्यपाल पर लगे छेड़छाड़ के आरोप पर त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा, ”संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार, राष्ट्रपति और राज्यपालों के खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की जा सकती है।” इस संबंध में संवैधानिक सुरक्षा उपाय मौजूद हैं। लेकिन जमीन से जुड़ा कोई भी सिविल केस दायर किया जा सकता है।” नतीजतन, अगर मामला अदालत में चला गया तो मुझे नहीं पता कि क्या होगा। सुप्रीम कोर्ट इसकी व्याख्या कैसे करेगा, यह समझ में नहीं आ रहा है।हालांकि तथागत को आशंका है कि इस पूरी घटना के पीछे कोई साजिश हो सकती है। उन्होंने कहा, ”मैं आनंद बोस को लंबे समय से जानता हूं। वे एक वरिष्ठ एवं निपुण सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। उन पर लगे इस आरोप के पीछे कोई साजिश नजर आ रही है। इस तरह के आरोप विभिन्न भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार के मामलों से ध्यान भटकाने के लिए भी लगाए जा सकते हैं।
तृणमूल की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष पहले ही इस मुद्दे के बारे में अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट कर चुकी हैं। उन्होंने लिखा, ”बांग्ला राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है। मामला भयानक है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता जा रहे हैं। माना जाता है कि उन्हें रात महल में बितानी होगी। इस बीच एक महिला ने आरोप लगाया कि आज जब वह राज्यपाल से मिलने राजभवन गयी तो उसके साथ छेड़छाड़ की गयी।
राज्य मंत्री शशि पांजा ने कहा, ”एक लडक़ी के साथ छेड़छाड़ हुई है। यह क्षम्य नहीं है। इसे निर्धारित करने की आवश्यकता है। इसमें आरोपी को कोई भी कुर्सी (पद) नहीं बचा सकती है। इस तरह संदेशखाली की घटना को लेकर हर कोई बहुत उत्साहित था और प्रतिक्रिया दे रहा था। अब वे सब कहाँ हैं? हमने कभी नहीं कहा, संदेशखाली में कुछ नहीं हुआ है। अब जो शिकायत की गई हैं, उसको लेकर लोगों को अपना मुंह खोलने की जरूरत है।’ इन सब से बंगाल की बदनामी हो रही है। बंगाल को बाहर से कलंकित किया जा रहा है।