इसके बाद उन्होंने जंतर-मंतर पर धरना दिया था और फिर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन से मिलने कृषि भवन पहुंचे थे। लेकिन वहां उनकी मुलाकात केंद्रीय मंत्री से ना होने पर अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) सहित कई टीएमसी सांसद और कार्यकर्त्ता वहीं धरने पर बैठ गए और इसके बाद सुरक्षाबलों ने उन्हें वहां से हटाने के लिए गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि गिरफ्तारी के 3 घंटे बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था जिसके बाद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने इसे लोकतंत्र का काला दिन बताते हुए राजभवन अभियान (Rajbhawan Campaign) का आह्वान किया था। उन्होंने बताया कि वे 5 अक्टूबर को 50 लाख जॉब कार्ड के साथ राजभवन (Rajbhawan) में राज्यपाल सी वी आनंद बोस से मिलेंगे। उनके इस अभियान में 1 लाख लोगों के जुड़ने की सम्भावना थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री हमसे मुलाकात करने की बजाय पीछे के दरवाजे से निकल गई, इसलिए अब हम राज्यपाल जो कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधि भी है उनसे पश्चिम बंगाल (west bengal) के वंचित लोगों की बात कहेंगे।
राजभवन अभियान (Rajbhawan Campaign) पर फिरा पानी?
इससे पहले कि अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए राजभवन पहुँचते, पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल सी वी आनंद बोस मंगलवार देर रात ही केरल के लिए निकल चुके थे। राजभवन के अधिकारियों ने बताया कि उनका केरल दौरा पहले से ही तय था। इसके बाद उनके गुरूवार को लौटने कि सम्भावना थी लेकिन गुरूवार सुबह वे कोलकाता एयरपोर्ट से ही राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निरिक्षण के लिए निकल गए। इसके बाद सम्भावना है कि वे वहां से सीधे ही दिल्ली (Delhi) निकल जाएंगे।
ऐसे में अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) के राजभवन अभियान (Rajbhawan Campaign) पर पानी फिरता नज़र आ रहा है हालांकि अगर राज्यपाल कि अनुपस्थिति में भी टीएमसी की ओर से ज्ञापन सौंपा जाता है तो इसके लिए भी अलग से तैयारी रखी गई है। इस स्थिति में राजभवन की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन की प्रति उपलब्ध कराई जाएगीं।
इन सब के अलावा ईडी ने भी ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) पर शिकंजा कसा हुआ है। 3 अक्टूबर को अभिषेक (Abhishek Banerjee) ईडी के बुलाने पर भी नहीं पहुँच पाए थे और अब ईडी ने उन्हें 9 अक्टूबर को पूछताछ के लिए समन भेजा है और उनकी पत्नी रुचिरा को भी 11 अक्टूबर को जांच में सहयोग के लिए बुलाया गया है। इससे अभिषेक (Abhishek Banerjee) के अभियान की आगे की योजनाओं पर अटकलें बढ़ गई है।
वहीँ टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि हमारे प्रदर्शन कार्यक्रम को रोकने के मकसद से प्रदर्शन से पहले अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) को समन भेजा गया था। सारे हथकंडे अपनाने के बाद प्रदर्शन रोकने में नाकाम रहने पर अब वे इस तरह की गंदी चालें चल रहे हैं। बनर्जी को तलब करना बदले की राजनीति और अभिषेक फोबिया के उदाहरण के अलावा कुछ नहीं है।
After New Delhi Abhishek Banerjee step ahead to West Bengal Rajbhawan