ज्ञापन देने आए गंगाराम, निहालसिंह, भूंटा धनसिंग आदि ने बताया कि वर्तमान में यहां आदिवासी मत्स्य उद्योग सहकारी संस्था मर्यादित देजला-देवाड़ा समिति काम कर रही है। इस समिति में १०४ सदस्य है जो हमीरपुरा के हैं। जबकि कायदे से यह काम हमें मिलना था। गामीणों ने बताया पुनर्वास अधिनियम के तहत व्यवस्था बनाए रखने के लिए जलाशय में मछली पालन की प्राथमिकता हमें दी गई। इसका जिम्मा शासन, प्रशासन को सौंपा गया। लेकिन कुछ लोगों से सांठगांठ कर उन्हें यह काम दिया गया जो डूब प्रभावित नहीं है। रहवासियों ने उक्त समिति का पंजीयन निरस्त करने और मछली पालन का काम उन्हें देने की मांग की है।