दिनभर का काम एक घंटे में पूरा
किसान राजेन्द्र नामदेव ने बताया जहां सामान्यत पंप से तीन एकड़ चने में दवाई छिड़काव करने से सुबह से शाम तक का समय लगता है। वही ड्रोन से यह कार्य एक घंटे में समाप्त हो जाता है। इससे दवा की बचत भी होती है। साथ ही ड्रोन के पंखों की तेज हवा के कारण दवाई पूरी तरह पौधों तक जाती है। जिससे इल्ली ओर किट पूरी तरह दवाई लगने से अचेत होकर मर जाती है।
कई गांवों में तकनीक का इस्तेमाल
ग्राम सालाखेड़ी के किसान बिहारी गवली, एडु गवली चितावद के गोरधन चोधरी मोहन पटेल बाग्दा के टिकाराम ढेपड़ा सहित अनेक किसानो ने इस तरह दवा छिड़काव में ड्रोन के उपयोग की सराहना की। कंपनी के मैनेजर एवं कर्मचारियों ने किसानों ने कृषि कैसे फायदेमंद हो इस सबंध में जानकारी भी दी।
जैविक खेती को अपनाया
बड़वाह तहसील के कई गांवों में इनदिनों किसानों द्वारा जैविक खेती कीे जा रही है। इसमें सनावद बेल्ट के बागफल, बागदा, ढकलगांव सहित आसपास के गांवों में किसानों द्वारा जैविक और आदर्श खेती की जा रही है। इससे यह क्षेत्र एक अलग पहचान हासिल कर चुका है।