मध्यप्रदेश की नर्मदा नदी (narmada river) पर बने ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में विश्व का सबसे पहला फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किया गया है। राज्य सरकार की ओर से पहले चरण में तन सौ मेगावाट बिजली उत्पादन का अनुबंध तीन कंपनियों के साथ किया गया है। 31 जुलाई तक टारगेट के मुताबिक बिजली बनना शुरू हो जाएगी।
पहले चरण की तीन कंपनियों में शामिल नर्मदा हाइड्रो डेवलेपमेंट कार्पोरेशन (एनएचडीसी) ने ईंधावड़ी में 88 मेगावाट प्लांट स्पीड से किया जा रहा है। दो दिन पहले यहां से 48.4 मेगावाट बिजली बननी शुरू हो गई। इस यूनिट से 31 जुलाई तक 88 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है।
ओंकारेश्वर परियोजना प्रमुख धीरेंद्र कुमार द्विवेदी के मुताबिक इसके लिए 207 हेक्टेयर में दो लाख 13 हजार 450 फ्लोटिंग सोलर पैनल लगना है। इसमें से एक लाख से अधिक सोलर पैनल लग चुके है। इनसे 48.4 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है।
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट
- शुरुआतः 4 अगस्त 2022 को अनुबंध पर हस्ताक्षर
- क्षमताः 600 मेगावाट की ओंकारेश्वर परियोजना
- तीन कंपनियां: एनएचडीसी, एएमपी एनर्जी, एसजेवीएन लिमि.
- कितने प्लांट विश्व में 10 फ्लोटिंग सोलर प्लांट।
- सबसे बड़ी ओंकारेश्वर परियोजना जल पर बनी सबसे बड़ी परियोजना
यह भी हैं प्लांट
2520 मेगावॉट संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट1000 नर्मदानगर हाइड्रो पावर प्लांट
520 ओंकारेश्वर हाइड्रो पावर प्लांट
300 ओंकारेश्वर सौर ऊर्जा प्लांट
मध्यप्रदेश में पानी में तैरता सोलर प्लांट नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध क्षेत्र में है, यह विश्वस्तर का तैरता सोलर एनर्जी प्लांट (floating solar energy plant) है। इस प्लांट से कुल 600 मेगावाट ऊर्जा प्रदेश को मिलेगी। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपए बताई जा रही है। सोलर पार्क बन जाने से मध्यप्रदेश में बिजली की समस्या दूर हो जाएगी।