खंडवा. मृतका ज्योति, अपने पति और बेटे के साथ। फाइल फोटो।
खंडवा.
पति और 5 माह के बेटे का ऐसा बिछोह मां को सताया कि उसने अपने तीन वर्षीय इकलौते पुत्र को छोड़ जहरीली दवा पीकर आत्महत्या कर ली। घटना पिपलौद थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रायपुर टांडा में 11 अक्टूबर की है। जहर पीने से गंभीर गंभीर महिला को बुरहानपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। मरने से पूर्व महिला ने अपने बेटे और माता-पिता के नाम मार्मिक सुसाइड नोट लिखा है। जिसमें उसने अपने बेटे और माता-पिता से माफी मांगते हुए पति और मृत बेटे के पास जाने की बात कही है।
ये था मामला
सेंधवाल निवासी निजी स्कूल के शिक्षक गजानन पंवार (34) अपनी पत्नी ज्योति पंवार (27) को 13 अगस्त को बीए फाइनल की परीक्षा दिलाने खंडवा ले गए थे। साथ में दो बच्चे दिव्यम (3) और पांच माह का हिमांशु भी था। शाम को खंडवा से लौटते समय तेलियाबाबा के पास किसी अज्ञात वाहन ने सामने से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि गजानन और पांच माह के हिमांशु की मौके पर ही मौत हो गई। पत्नी ज्योति पंवार को गंभीर चोट आई थी, जबकि 4 वर्षीय दिव्यम भी घायल हुआ था। ज्योति का करीब एक माह निजी अस्पताल में इलाज चला था। ठीक होने के बाद वह अपने माता-पिता के पास रायपुरा टांडा में रह रही थी।
पति की मौत के बाद थी मानसिक तनाव में
ठीक होकर घर आई ज्योति पति गजानन और पांच माह के बेटे हिमांशु की मौत को लेकर लगातार मानसिक तनाव में थी। ज्योति के पिता शंकर राठौड़ ने बताया कि 11 अक्टूबर की शाम उसने जहरीली दवा पी ली, जिसके बाद उसे परिजन बुरहानपुर जिला अस्पताल ले गए। यहां उसकी मौत हो गई। पिपलौद टीआइ बलजीतसिंह बिसेन ने बताया कि बुरहानपुर पुलिस से मर्ग डायरी मिलने पर मर्ग कायमी की। मामला आत्महत्या का है। मृतका ने सुसाइड नोट भी लिखा है।
ये लिखा सुसाइड नोट में
मैं ज्योति गजानन पंवार पूरे होश में लिख रही हूं कि मेरा बेटा दिव्यम अब अपने नाना-नानी के पास रहेगा, उन्हें अपना माता-पिता समझेगा। मेरे ससुराल वाले उससे मिलने आ सकते हैं। सॉरी बेट दिव्यम और मम्मी-पापा, मैं आपको छोड़कर जा रही हूं। बेटा खुद को अकेला मत समझना, आपके पास मेरा और अपने पापा का सबकुछ है। मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं, लेकिन मेरी दुनिया आपके पापा थे, मैं उनके बिना जी नहीं सकती। मुझे दुल्हन जैसा विदा करना। सॉरी पापा अब आपके छोटे गजानन को देख लेना। मुझे मरने का कोई दु:ख नहीं है, क्योंकि मैं अपने गज्जू के पास जा रही हूं, हंसते हुए।