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ये क्या! 90 किलोमीटर बढ़ गया खंडवा से इंदौर का रास्ता, जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

मोरटक्का ब्रिज पूरी तरह बंद होने के बाद से इससे गुजरकर इंदौर जाने वाले वाले खंडवा और बुरहानपुर के लोगों को अब बड़वाह होते हुए इंदौर जाना पड़ रहा है, जिससे वाहनों को 90 किमी का अतिरिक्त फैरा लगाना पड़ रहा है।

खंडवाDec 21, 2023 / 07:56 pm

Faiz

ये क्या! 90 किलोमीटर बढ़ गया खंडवा से इंदौर का रास्ता, जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

मध्‍य प्रदेश के खंडवा, बुरहानपुर और इंदौर में रहने वालों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, जिला प्रशासन ने सूबे के खंडवा को इंदौर से जोड़ने वाले मोरटक्का पुल को 21 से 23 दिसंबर के बीच गाड़ियों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 21 दिसंबर को इंदौर के इंजीनियरिंग कॉलेज की टीम मोरटक्का ब्रिज का लोड टेस्ट किया है। इसी के साथ साथ अलग अलग दिनों में पुल के अलग-अलग परीक्षण किए जाएंगे। इसी के चलते तीन दिनों के लिए पुल बंद करके यहां से गुजरने वाले सभी वाहनों को पुल से डायवर्ट करके चलाया जा रहा है।

 

मोरटक्का ब्रिज पूरी तरह बंद होने के बाद से इससे गुजरकर इंदौर जाने वाले वाले खंडवा और बुरहानपुर के लोगों को अब बड़वाह होते हुए इंदौर जाना पड़ रहा है। हालाकि, बारी वाहनों को सितंबर महीने से ही ब्रिज से गुजरना प्रतिबंधित कर रखा है। ऐसे में ब्रिज के बंद होने से भारी वाहनों को करीब 90 किमी तक अतिरिक्त फेरा लगाकर इंदौर जाना पड़ रहा है। इसपर पूर्व निमाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने नाराजगी भी व्यक्त कर चुका है।

 

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उद्योग पर पड़ रहा असर

आपको याद दिला दें कि बारिश के दिनों में इस क्षेत्र में बाढ़ के हालात बने थे। ऐसे में ब्रिज में क्रेक आ जाने के कारण उस दौरान ही उसे 21 दिनों के लिए बंद किया गया था। उस दौरान भी खंडवा में पूर्व निमाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी। इसके बाद अब एक बार फिर पुल बंद होने पर चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि खंडवा को इंदौर से मोरटक्का ब्रिज ही सीधे जोड़ता है। इस ब्रिज से इंदौर और खंडवा के बीच व्यापार होता है। मौजूदा समय में ब्रिज से भारी गाड़ियों के गुजरने की अनुमति न होने पर शहर से आने जाने वाले व्यापारिक भारी वाहनों को 90 कि.मी का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ रहा है। उन्हें खरगोन और बड़वाह होते हुए इंदौर आना-जाना पड़ रहा है। इससे ट्रांसपोर्टेशन तो भारी महंगा हुआ ही, समय भी काफी लग रहा है। इससे खासकर खंडवा का उद्योग प्रभावित हो रहा है।


इसी साल सितंबर में डूब गया था पुल

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इस साल सितंबर के महीने में इंदिरा सागर बांध और ओंकारेश्वर बांध के गेट एक साथ खोल दिए थे, जिससे नर्मदा नदी उफान पर आ गई थी। इसके चलते ओंकारेश्वर समेत डाउनस्ट्रीम में आने वाले इलाकों में भारी बाढ़ के हालात तबाही लेकर आई थी। बाढ़ के कारण ओंकारेश्वर मंदिर आधा डूब गया था तो वहीं यहां की सीढ़ियों तक पानी आ पहुंचा था। इस दौरान मोरटक्का ब्रिज भी पूरी तरह डूब गया था। उसके बाद जब उफान खत्म हुआ तो ब्रिज की सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। बाढ़, बारिश और तबाही के बीच खंडवा और बुरहानपुर को इंदौर से जोड़ने वाला इंदौर इच्छापुर हाईवे का मोरटक्का पुल भी आवागमन के लिए बंद कर दिया गया था।

 

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अक्टूबर से मिली थी राहत, लेकिन वो भी अधूरी

21 दिन बंद किए जाने के बाद मोरटक्का पुल पर दोबारा 5 अक्टूबर से आवागमन शुरू किया गया था। लेकिन आदेश जारी किया गया कि फिलहाल छोटे वाहनों को ही पुल से गुजरने की अनुमति रहेगी। बता दें कि 16 सितंबर को नर्मदा में आई बाढ़ से मोरटक्का पुल क्षतिग्रस्त हुआ था। मरम्मत के बाद 5 अक्टूबर को पुल कार, बस, बाइक और इमरजेंसी वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया गया था। लेकिन तभी से ट्रक और मल्टी एक्सल वाहनों को पुल पर से निकलने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, जिससे दो-तीन शहरों के बीच व्यापारिक आवागमन प्रभावित हो रहा है।

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