खंडवा

पद्मावत पर टॉकीज में पुलिस का पहरा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने दिया बयान, करणी सेना ने दिए फूल

फिल्म पद्मावत पर मचे बवाल के बीच मप्र के खंडवा में भी इसका असर देखने को मिला। प्रतिष्ठान बंद कराने निकले करणी सेना के पदाधिकारी व कार्यकर्ता

खंडवाJan 25, 2018 / 01:53 pm

अमित जायसवाल

karni sena next step on the film Padmavati

खंडवा. संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के रिलीज पर चल रहे नॉन स्टॉप बवाल पर खंडवा में फिलहाल ये ब्रेक लगा है कि कंपनी से निर्देश मिलने के बाद कार्निवल बिग सिनेमा के प्रबंधक ने यहां फिल्म पद्मावत नहीं दिखाने का निर्णय लिया। गुरुवार को टॉकीज पूरी तरह से बंद रहा। यहां के स्टॉफ को एक दिन के लिए छुट्टी दी गई है। कोई भी फिल्म नहीं दिखाई गई। टॉकीज में पुलिस का पहरा रहा। इधर, करणी सेना ने भी कमान संभाल ली।
गुलाब के फूल देते हुए निकले
करणी सेना द्वारा गुरुवार दोपहर 1.30 बजे नगर निगम से एक रैली निकाली गई। फूल देकर दुकानों को बंद करने का आह्वान किया। बता दें कि इससे पहले भी बुधवार दिनभर टॉकीज में हंगामा चलता रहा। फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए हिंदू स्टूडेंट् आर्मी द्वारा इंदिरा चौक से वाहन रैली निकाली गई। टॉकीज पहुंचकर नारेबाजी की। जिला अध्यक्ष विकास झा ने मैनेजर को ज्ञापन व गुलाब का फूल देते हुए उनसे आग्रह किया है कि इस फिल्म को प्रदर्शित ना करें।
– स्टाफ को छुट्टी, बंद रहेगी टॉकीज
हमने गुरुवार के लिए स्टाफ को छुट्टी दे दी है, टॉकीज बंद रहेगी। साथ ही ये निर्णय भी लिया है कि फिल्म पद्मावत का प्रदर्शन नहीं करेंगे।
अभिनेंद्र सिंह भदौरिया, प्रबंधक, कार्निवल बिग सिनेमा
..मैं नहीं देखूंगा, आप भी न देखें पद्मावत: नंदकुमारसिंह
न मैंने इस फिल्म को देखा है और न ही मैं देखूंगा। समाज की भावना एवं संस्कृति की हम सब ने रक्षा करनी चाहिए और प्रदेशवासियों से भी अनुरोध करता हूं कि इस फिल्म को न देखे। सांसद व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान ने ये बात बुधवार को खंडवा में कही। उन्होंने कहा कि संजय लीला भंसाली ने देश की संस्कृति के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने पद्मावती पर फिल्म बनाई लेकिन तोड़-मरोड़ कर उसे प्रस्तुत किया है, जो संस्कृति व देशवासियों का अपमान है। पद्मावती फिल्म मैंने देखी नहीं है लेकिन जो जानकारी मिली है उस आधार पर ये कह रहा हूं कि हमारी पूज्यनीय पद्मावती देवी के स्वरूप व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत नहीं किया है, जो निंदनीय कार्य है। मप्र की सरकार ने पद्मावती पर प्रदेश में पाबंदी लगाई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे नामंजूर किया और भी इसमें अध्ययन की आवश्यकता है। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस फिल्म को दिखाने के आदेश पारित किए है इसे देखते हुए प्रदेश की सरकार प्रदेश में पूरी तरह सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

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