इस फिल्म का विशेष प्रदर्शन ग्राम कालमुखी में बुधवार रात किया गया। उल्लेखनीय है कि इस गांव की 100 साल पुरानी गणगौर परंपरा को डॉक्यूमेंट्री फिल्म में दिखाया गया है। गणगौर बाड़ी में भारी तादाद में गाव के रहवासियों ने फिल्म के दो प्रदर्शनों का आनंद लिया। सरपंच मनीषा वर्मा, भगवान पटेल, अनिल माहेश्वरी, राजेंद्र उपाध्याय, प्रदीप उपाध्याय, प्रदीप चौहान, रामसिंह केलकर, राधेगोविंद मुजमेर, रामनारायण गुप्ता ने प्रदर्शन के बाद फिल्म के निर्माता सुदीप सोहनी का स्वागत किया। पंकज गुप्ता ने प्रदर्शन को ऐतिहासिक बताते हुए गांव की परंपरा को दुनिया भर में पहुंचाने और फिल्म निर्माण के लिए सुदीप का आभार प्रदर्शित किया।
दुनिया भर में दिखाई जा रही फिल्म
यह फिल्म इस समय दुनिया भर के अलग-अलग समारोहों में दिखाई जा रही है। अगस्त 2023 में 14वें शिकागो साउथ एशियन अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह, शिकागो (अमेरिका), 7वें चलचित्रम अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह (गुवाहाटी), 9वें शिमला अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह, (शिमला) में फिल्म के प्रदर्शन हुए। जनवरी 2024 में 7वें अंतर्राष्ट्रीय लोकगाथा फिल्म समारोह, त्रिस्सूर(केरल) में फिल्म का प्रदर्शन हो चुका है। हाल ही मार्च 2024 में फिल्म त्रिनिदाद और टोबेगो के पोर्ट ऑफ स्पेन में 6वें फिल्म एंड फोकलोर फेस्टिवल में दिखाई गई है।
खंडवा में ही हुई शिक्षा-छीक्षा
खंडवा में जन्मे सुदीप की स्कूली शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर और उत्कृष्ट विद्यालय से हुई है। उन्होंने कई ब्राण्ड्स के लिए विज्ञापन लिखे हैं। वे भारतीय फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान, पुणे के छात्र रहे हैं। उनकी अन्य फिल्में आई टू और तनिष्का भी भारत सहित यूरोप, बांग्लादेश आदि देशों में दिखाई जा चुकी हैं। यादों में गणगौर 29 मिनट की इस फिल्म की पटकथा, निर्माण, व निर्देशन व पटकथा सुदीप सोहनी का है। फिल्मांकन अशोक मीणा व संपादन वैभव सावंत ने किया है। फिल्म में ध्वनि परिकल्पना संगीतकार उमेश तरकसवार ने की है। रंग मिश्रण राज बागले ने किया है। अंग्रेजी में इसे रीमिनिसेंस ऑफ गणगौर के नाम से दिखाया जाएगा।