खंडवा

कोल्ड डे… तापमान में रेकॉर्ड गिरावट, रात का पारा 5 डिग्री कम होकर 8 डिग्री पर पहुंचा, सुबह से छाया कोहरा

-दिन के तापमान में भी 3 डिग्री की गिरावट, दिनभर चली सर्द हवाएं
-उत्तरी हवाओं से कंपकंपाया निमाड़, अभी ऐसा ही रहेगा मौसम

खंडवाDec 11, 2024 / 12:36 pm

मनीष अरोड़ा

खंडवा. दिन में सर्द हवाओं से बचने आग जलाकर ताप रहे लोग।

पहाड़ों पर बर्फबारी और उत्तरी हवाओं से तापमान में रेकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई। दिन का तापमान 13 डिग्री से सीधे पांच डिग्री कम होकर 8 डिग्री पर पहुंच गया, जो सीजन का अब तक सबसे कम तापमान है। वहीं, दिन के तापमान में भी तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। मंगलवार को अधिकतम तापमान 27.1 डिग्री और न्यूनतम 8.0 डिग्री दर्ज किया गया। दिन में 20 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ठंडी हवाएं भी चलीं। शीत लहर से बचाव के लिए प्रशासन ने एडवायजरी भी जारी की है।
दक्षिण में बने फेंगल चक्रवाती तूफान के असर से पिछले चार दिनों से तापमान 11 से 13 डिग्री के बीच बना हुआ था। चक्रवाती तूफान का असर खत्म होते ही शीत लहर से निमाड़ कंपकंपा उठा। मंगलवार को दिनभर शीत लहर का प्रकोप देखने को मिला। दिन में चलीं सर्द हवाओं से रातें भी सर्द हो उठी। पारे में एकदम से पांच डिग्री की गिरावट होने से रात को ओस और कोहरे का असर भी नजर आया। जिला कृषि मौसम इकाई प्रभारी डॉ. सौरव गुप्ता ने बताया कि उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड का असर निमाड़ में भी हो रहा है। दक्षिण में बने लो प्रेशर एरिया का असर अब सिर्फ महाराष्ट्र में ही है, जिसके कारण खंडवा में अब कोई प्रभाव नहीं दिखेगा। आगामी दिनों में दिन का तापमान 23 से 26 डिग्री और रात का तापमान 6 से 9 डिग्री तक पहुंच सकता है।
शीत लहर से बचाव के लिए कलेक्टर ने जारी किए सुझाव
कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने शीत लहर से निपटने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए है। शीत लहर के चलते सर्द हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पडऩे के कारण मृत्यु होना भी संभावित है। शीत लहर का नकारात्मक प्रभाव वृद्धजनों एवं 5 वर्ष के छोटे बच्चों पर अधिक होता है। इसके अतिरिक्त दिव्यांगजनों, बेघर व्यक्तियों, दीर्घकालिक बीमारियों से पीडि़त रोगियों, खुले क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिए भी शीत लहर के दौरान विशेष सतर्कता बरतना आवश्यक है।
बीमार पडऩे पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
शीत लहर एवं सर्द माहों के दौरान घरों में उपयोग किए जाने वाले हीटर/फायर पॉट आदि का बंद कमरों में उपयोग करने के कारण कॉर्बन मोनोऑक्साइड पॉयजन का भी खतरा होना संभावित है। शीत लहर से बचाव के लिए गर्म वस्त्र एवं कई परतों में कपड़ों का उपयोग किया जाना चाहिए। आकस्मिक स्थितियों के उपाय के लिए घर में रसद एवं अन्य सामग्रियों की व्यवस्था सुनिश्चित करना चाहिए। शीत लहर के दौरान नाक बहना, नाक बंद होना, फ्लू, नाक से खून आने जैसे लक्षण सामान्यत: पाए जाते है जिसके लिए तत्काल निकटस्थ चिकित्सक से सलाह प्राप्त की जाए।

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