आत्महत्या और हत्या के बीच उलझी थी गुत्थी
अपर लोक अभियोजक अधिकारी दीपक कुरे ने बताया कि 10 मई 2019 को पंधाना क्षेत्र के बाबली गांव में रहने वाली रंजना नाम की महिला की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। रंजना की मौत जहर से हुई थी। तब रंजना के पति मिथुन व ससुराल के अन्य सदस्यों ने जहर खाकर रंजना के खुदकुशी करने की बात कही थी। लेकिन रंजना का पांच साल का मासूम बेटा मां की मौत का चश्मदीद गवाह । मृतका के भाई व पिता ने भी रंजना के पति मिथुन, बहन सागर और मां जमना व पिता दशरथ के पर हत्या का आरोप लगाया था।
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5 साल के बेटे ने मां को दिलाया इंसाफ
मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी। आरोपी पक्ष के वकील अपनी दलीलों से ये साबित करने में जुटे थे कि रंजना ने जहर खाकर खुदकुशी की है। लेकिन इसी बीच घटना के चश्मदीद गवाह पांच साल के बेटे शुभम ने कोर्ट में बताया कि रात मम्मी और पापा के बीच झगड़ा हुआ था और पापा ने मम्मी को खूब मारा था, फिर बुआ सागर ने भी मम्मी को पीटा था इसके बाद दूसरी सुबह ताई ने मम्मी को दवई पिलाई थी। जिससे साफ था कि रंजना ने जहर पीया नहीं था बल्कि उसे पिलाया गया था। तफ्तीश में ये भी ताई पिंकी के पति की पहले ही मौत हो चुकी थी और रंजना के पति मिथुन का अपनी भाभी पिंकी के साथ अफेयर चल रहा था और बहन सागर उनकी शादी कराना चाहती थी जिसके लिए रंजना तैयार नहीं थी और इसी बात को लेकर विवाद होता था।