Dhan Kharidi: बैठक में की गई समीक्षा
जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ द्वारा धान खरीदी के संबंध में शनिवार को बैठक आयोजित किया गया। इसमें वर्तमान में धान खरीदी की समीक्षा की गई, जिसमें पाया गया कि धान खरीदी की तुलना में धान परिवहन न के बराबर हुआ है। न ही पर्याप्त मात्रा में टीओ जारी हो रहा है और न ही मिलर्स के द्वारा उठाव किए जाने को कोई समय सीमा दिखाई पड़ रहा है। प्रतिदिन धान खरीदी की अपेक्षा उठाव नहीं होने के कारण फड़ में धान रखने की जगह समाप्त हो गई है। निरंतर धान खरीदी चल रही है। एक महिने खरीदी होने के करीब होने को है जिससे खरीदे गए धान में सुखत आने का पूर्ण संभावना बनी हुई है। साथ ही मौसम में बदलाव आने के कारण पर्याप्त सुरक्षा कर पाने में समिति असमर्थ है। समिति प्रबंधकों की ओर से शासन-प्रशासन से मांग की गई है कि प्रतिदिन खरीदी के अनुपात में उठाव की व्यवस्था की जाए। अन्यथा बुधवार से खरीदी बंद करने का निर्णय लिया गया। यदि मिलर्स द्वारा अनुबंध नहीं किया जाता तो धान का उठाव व परिवहन नहीं होगा और सोसायटी में धान की खरीदी बंद हो जाएगी। हालांकि शासन-प्रशासन द्वारा इसका कोई न कोई समाधान जरुर निकाला जाएगा।
मिलर्स की दो प्रमुख मांग
दूसरी ओर जिला राइस मिल एसोसिएशन द्वारा आज 9 दिसंबर को अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे। राइस मिलर्स की मांग है कि उन्हें 2022-23 के प्रोत्साहन की द्वितीय 60 रुपए की किस्त व 2023-24 के कस्टम मिलिंग का सम्पूर्ण भुगतान, प्रोत्साहन राशि धान चावल परिवहन, एफ आरके की राशि, बारदाना की राशि, यूजर चार्ज, हमाली व अन्य राशि शासन से लेना बाकी है। कुल राशि की बात की जाए तो जिले के ही 78 राइस मिलर्स के 90 करोड़ रुपए से अधिक राशि भुगतान योग्य है। इसके अलावा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 कस्टम मिलिंग कार्य के अनुबंध की विसंगतियां हैं जिसे दूर करने की मांग की जा रही है। इस पर अब तक शासन से बात नहीं बन सकी है।
उपार्जन केंद्रों में 16 लाख क्विंटल धान जाम
जिले के उठाव कम होने से धाम जाम हो चुका है। उपार्जन केंद्राें में शुक्रवार 6 दिसंबर तक की स्थिति में 36 हजार 401 किसानों द्वारा कुल 17 लाख 41 हजार 475 क्विंटल धान की बिक्री की जा चुकी है। इसमें 4 लाख 79 हजार 958 क्विंटल मोटा धान, 7 लाख 2822 क्विंटल पतला और 5 लाख 58 हजार 694 क्विंटल सरना धान शामिल हैं। वहीं विपणन विभाग की ओर से मात्र 1 लाख 17 हजार 329 क्विंटल ही धान का उठाव किया जा सका है, इसके चलते ही उपार्जन केंद्रों में 16 लाख 24 हजार 146 क्विंटल धान जाम है।
तत्काल उठाव की व्यवस्था नहीं हो पा रही, इसलिए समस्या बनी
जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि संग्रहण केन्द्र द्वारा मनामानीपूर्वक गुणवत्ता की छंटनी की जा रही है जो कि अनुचित है। क्योंकि समिति द्वारा धान की वेराईटी अनुसार ही धान भेजा जा रहा है। कृषक संघ द्वारा धान तौल को 40.700 किलोग्राम लेने तय किया गया है, जिसका संघ की ओर से विरोध किया गया है। क्योंकि 40.700 किलोग्राम में धान खरीदी होती है तो विपणन संघ द्वारा धान का तत्काल उठाव की व्यवस्था नहीं है। इसके नुकसान की भरपाई कौन करेगा। कहीं न कही ठीकरा समितियों पर ही फूटेगा।