80 स्कूल प्राथमिक विद्यालायों का उद्धार
कुल 80 नवीन शाला भवन निर्माण, शाला भवन में अतिरिक्त कक्ष निर्माण, शाला भवन में दीर्घ मरम्मत के लिए राशि स्वीकृत की गई है। ग्राम बनगौरा, लावा, दुलदुला, सिवनीकला, दरिया, बरबसपुर, अगरी, लोहारीडीह, पंडरिया, डोंगरिया, खम्हरिया, बोदा47, पठारी, कांपा, राली, बांकी, बांटीपथरा, छितपुरीखुर्द, बोदई, केसमर्दा, जामपानी, कोटनापानी, तरेगांव जंगल, इंदरीपानी, बैजलपुर, सिंघारी, कबराटोला, बोईरकछरा, कामाडबरी, खरिया, खड़ौदाखुर्द, सारंगपुरकला, नेउरगांव खुर्द, बद्दो, सरेखा, बरभांवर, मारियाटोला, जरहानवागांव, सरोधी, बैरख, सिंघारी, रौचन, लाटा, बघर्रा, गांगपुर, मड़मड़ा, गदहाभाठा, दुल्लापुर, गेगड़ा, छांटा, मोहगांव, नवघटा, महराटोला, चोरभ_ी, कोड़ार, खैरा, राम्हेपुर खुर्द, जेवडऩखुर्द, रवेली, लासाटोला, बटुराकछार, बांझीमौहा, सेमा, मक्के, सोनबरसा, दुबहा, घुघरीखुर्द, बंदौरा, कुसमंदा, लाखाटोला, कोटराबुंदेली, कुरूवा, धनेली, मुंगेलीडीह, दानीघटोली, पेण्ड्रीखुर्द, कामनबोड़, केंजेदाह, ब्राम्हनटोला और ग्राम सोनझरी शामिल है।
कुल 80 नवीन शाला भवन निर्माण, शाला भवन में अतिरिक्त कक्ष निर्माण, शाला भवन में दीर्घ मरम्मत के लिए राशि स्वीकृत की गई है। ग्राम बनगौरा, लावा, दुलदुला, सिवनीकला, दरिया, बरबसपुर, अगरी, लोहारीडीह, पंडरिया, डोंगरिया, खम्हरिया, बोदा47, पठारी, कांपा, राली, बांकी, बांटीपथरा, छितपुरीखुर्द, बोदई, केसमर्दा, जामपानी, कोटनापानी, तरेगांव जंगल, इंदरीपानी, बैजलपुर, सिंघारी, कबराटोला, बोईरकछरा, कामाडबरी, खरिया, खड़ौदाखुर्द, सारंगपुरकला, नेउरगांव खुर्द, बद्दो, सरेखा, बरभांवर, मारियाटोला, जरहानवागांव, सरोधी, बैरख, सिंघारी, रौचन, लाटा, बघर्रा, गांगपुर, मड़मड़ा, गदहाभाठा, दुल्लापुर, गेगड़ा, छांटा, मोहगांव, नवघटा, महराटोला, चोरभ_ी, कोड़ार, खैरा, राम्हेपुर खुर्द, जेवडऩखुर्द, रवेली, लासाटोला, बटुराकछार, बांझीमौहा, सेमा, मक्के, सोनबरसा, दुबहा, घुघरीखुर्द, बंदौरा, कुसमंदा, लाखाटोला, कोटराबुंदेली, कुरूवा, धनेली, मुंगेलीडीह, दानीघटोली, पेण्ड्रीखुर्द, कामनबोड़, केंजेदाह, ब्राम्हनटोला और ग्राम सोनझरी शामिल है।
बाधा दूर हो जाएगी
जिलेभर में ऐसे सैकड़ों स्कूल भवन है जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। कई भवन तो तोडऩे योग्य हो चुके हैं, जिसके वहां पर स्कूल का संचालन नहीं किया जाता। उनकी जगह अतिरिक्त कक्ष या फिर प्राथमिक कक्षा पूर्व माध्यमिक कक्षाओं में संचालित होती है। इसी तरह से पूर्व माध्यमिक की कक्षाएं अतिरिक्त कक्ष में। मतलब भवन की कमी होने की वजह विद्यार्थियों व स्टॉफ को परेशानी होती है। भवन निर्माण, मरम्मत की स्वीकृति मिल चुकी है। ऐसे में उम्मीद है कि काफी हद तक बच्चों की बच्चों की पढ़ाई में आ रही बाधा दूर हो जाएगी।
जिलेभर में ऐसे सैकड़ों स्कूल भवन है जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। कई भवन तो तोडऩे योग्य हो चुके हैं, जिसके वहां पर स्कूल का संचालन नहीं किया जाता। उनकी जगह अतिरिक्त कक्ष या फिर प्राथमिक कक्षा पूर्व माध्यमिक कक्षाओं में संचालित होती है। इसी तरह से पूर्व माध्यमिक की कक्षाएं अतिरिक्त कक्ष में। मतलब भवन की कमी होने की वजह विद्यार्थियों व स्टॉफ को परेशानी होती है। भवन निर्माण, मरम्मत की स्वीकृति मिल चुकी है। ऐसे में उम्मीद है कि काफी हद तक बच्चों की बच्चों की पढ़ाई में आ रही बाधा दूर हो जाएगी।