जानकारी के अनुसार, 65 वर्षीय दशरथ कोल अमराडाड़ का रहने वाला था। बुजुर्ग 25 सितंबर से घर से लापता हुआ था। शुक्रवार को अमराडाड़ के जंगल में एक पेड़ के पास ग्रामीणों को कंकला पड़ा मिला। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। कंकाल के संबंध में आसपास में जानकारी दी। गुमशुदगी की भी जांच कराई। जब दशरथ नाम की गुमशुदगी का पता चला तो परिजन को जानकारी दी गई। परिजन जंगल पहुंचे तो कपड़ों के आधार पर बुजुर्ग की शिनाख्त की। दशरथ कोल के बेटे की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम करते हुए जांच शुरु कर दी है।
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बैंक का कर्जदार था बुजुर्ग
बड़वारा थाना प्रभारी अनिल यादव के अनुसार परिजन से प्राप्त जानकारी का कहना है कि पिता का सोसायटी बैंक में कर्ज था। उसको लेकर वो परेशान रहता था। परेशान होकर वे घर छोड़कर चले गए थे। परिजन के बताया कि वे घर से खेत जाने की बात कहकर निकले थे, लेकिन वहां नहीं गए। एक ग्रामीण ने उस दिन जंगल की ओर जाते हुए देखा था। परिजन के बताए अनुसार पुलिस इस मामले को आत्महत्या मान रही हैं। हालांकि पीएम रिपोर्ट और फारेंसिक जांच रिपोर्ट के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा हो पाएगा। फारेंसिक जांच के लिए कंकाल जबलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।
15 दिन तक परिजन ने की थी बुजुर्ग की तलाश
बुजुर्ग दशरथ कोल के लापता होने पर उनके परिजन के साथ ग्रामीणों ने करीब 10 से 15 दिन तक उनकी तलाश की थी, लेकिन घना जंगल होने के कारण कुछ पता नहीं चल पाया था। दो दिन पहले ही ग्रामीणों को जंगल में कंकाल दिखा, जिसके आधार पर बुजुर्ग की पहचान की गई। अब पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है कि, आखिर किसान पर कितना कर्ज था।