इधर, काम की गति ऐसी है कि जून माह तक कटनी की ओर से खन्नाबंजारी और सिंगरौली के महदाइया की ओर से आ रही डबल लाइन का काम देवरा तक ही पूरा होने की संभावना है। जानकर ताज्जुब होगा कि दोनों ही ओर से डबल लाइन प्रोजेक्ट की लंबाई क्रमश: 30 और 38 किलोमीटर है।
इस बीच खन्नाबंजारी से देवरा के बीच लगभग 175 किलोमीटर लंबाई में डबल लाइन परियोजना का काम अब तक शुरू तक नहीं हुआ है। जानकारों का कहना है कि काम की गति यही रही तो 2022 तक प्रोजेक्ट पूरा होना संभव नहीं है।
पश्चिम मध्य रेलवे सीपीआरओ की प्रियंका दीक्षित बताती हैं कि कटनी-सिंगरौली डबल लाइन परियोजना के लिए इस बार बजट में 303 करोड़ स्वीकृत किया गया है। संभावना है निर्धारत समय में काम पूरा हो जाएगा।
अफसर दे रहे कोरोना की दुहाई
कटनी-सिंगरौली डबल लाइन में लेटलतीफी और काम की धीमी गति को लेकर स्थानीय अफसर कोरोना संक्रमण की दुहाई दे रहे हैं। यह स्थिति तक है जब कोरोनाा संक्रमण के पीक में रहने के दौरान रेल मंत्रालय के अफसर दावा करते रहे हैं कि रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर के काम में तेजी से विस्तार हुआ है।
कटनी-सिंगरौली डबल लाइन में लेटलतीफी और काम की धीमी गति को लेकर स्थानीय अफसर कोरोना संक्रमण की दुहाई दे रहे हैं। यह स्थिति तक है जब कोरोनाा संक्रमण के पीक में रहने के दौरान रेल मंत्रालय के अफसर दावा करते रहे हैं कि रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर के काम में तेजी से विस्तार हुआ है।
इसलिए जरूरी है समय पर प्रोजेक्ट की पूर्णता
– कटनी से सिंगरौली के बीच कोयला परिवहन के कारण मालगाड़ी बहुतायत में चलती है। इससे यात्री ट्रेनों की निकासी मुश्किल हो जाती है। कई बार लाइन में खराबी आई तो यात्री ट्रेनों को लाइन क्लीयर होने के लिए एक घंटे से दो घंटे तक इंतजार करना पड़ता है।
– सिंगल लाइन ट्रैक होने के कारण नई यात्री ट्रेनें नहीं चलाई जा रही है। चौबीस घंटे में गिने चुने ट्रेन होने के कारण यात्रियों को गंतव्य पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
– कटनी से सिंगरौली के बीच कोयला परिवहन के कारण मालगाड़ी बहुतायत में चलती है। इससे यात्री ट्रेनों की निकासी मुश्किल हो जाती है। कई बार लाइन में खराबी आई तो यात्री ट्रेनों को लाइन क्लीयर होने के लिए एक घंटे से दो घंटे तक इंतजार करना पड़ता है।
– सिंगल लाइन ट्रैक होने के कारण नई यात्री ट्रेनें नहीं चलाई जा रही है। चौबीस घंटे में गिने चुने ट्रेन होने के कारण यात्रियों को गंतव्य पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
यह है काम की गति
– मार्च माह तक सरई ग्राम और आगे जून तक खन्नाबंजारी तक लाइन दोहरीकरण की संभावना।
– देवरा और आसपास 130 से 140 मीटर उंचाई के ब्रिज का काम शुरू तक नहीं हुआ। इनके पूरा होने में कम से कम दो साल समय लगने की बात।
– सिंगरौली से मझौली के बीच चल रहा डबल लाइन का काम, जून माह तक देवरा तक पूरा होने की संभावना।
– मार्च माह तक सरई ग्राम और आगे जून तक खन्नाबंजारी तक लाइन दोहरीकरण की संभावना।
– देवरा और आसपास 130 से 140 मीटर उंचाई के ब्रिज का काम शुरू तक नहीं हुआ। इनके पूरा होने में कम से कम दो साल समय लगने की बात।
– सिंगरौली से मझौली के बीच चल रहा डबल लाइन का काम, जून माह तक देवरा तक पूरा होने की संभावना।