वीडियो देखने के लिए क्लिक करें राजकीय सम्मान के साथ हजारों ने नम आंखों से दी विदाई
1857 की क्रांति के महानायक जिले के रणबांकुरे राजा सरयुप्रसाद के शौर्य की गांथा को संजोये विजयराघवगढ़ क्षेत्र के ग्राम हरदुआ कला निवासी प्रदीप पटेल (24) सिक्किम में सेना का वाहन खाई में गिरने के कारण 5 सितंबर को चार जवानों के साथ शहीद हो गए हैं। उनकी पार्थिव देह शनिवार शाम गांव पहुंची तो माता-पिता, बहनों, परिजनों व ग्रामीणों में चीख-चित्कार मच गया। लाल के अंतिम दर्शन के लिए जिले व क्षेत्र के हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान गॉड ऑफ ऑनर दिया गया। पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। हजारों नम आंखों ने अंतिम विदाई दी। जिले का लाल भले ही देश की सेवा के दौरान प्राणों को न्यौछावर कर दिया है, लेकिन उनकी यादें हमेशा जीवंत रहेंगी।
1857 की क्रांति के महानायक जिले के रणबांकुरे राजा सरयुप्रसाद के शौर्य की गांथा को संजोये विजयराघवगढ़ क्षेत्र के ग्राम हरदुआ कला निवासी प्रदीप पटेल (24) सिक्किम में सेना का वाहन खाई में गिरने के कारण 5 सितंबर को चार जवानों के साथ शहीद हो गए हैं। उनकी पार्थिव देह शनिवार शाम गांव पहुंची तो माता-पिता, बहनों, परिजनों व ग्रामीणों में चीख-चित्कार मच गया। लाल के अंतिम दर्शन के लिए जिले व क्षेत्र के हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान गॉड ऑफ ऑनर दिया गया। पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। हजारों नम आंखों ने अंतिम विदाई दी। जिले का लाल भले ही देश की सेवा के दौरान प्राणों को न्यौछावर कर दिया है, लेकिन उनकी यादें हमेशा जीवंत रहेंगी।
मां के विलाप से नम हुई आंखें
दूसरी ओर जब बेटे की पार्थिव देह घर पहुंची तो मां का शशि बाई के विलाप ने सभी की आंखों को नम कर दिया। हालांकि मां भी ईश्वर से बेटे की आत्मा को अपने श्रीचरणों में जगह देने की प्रार्थना करती रहीं। मां ने कहा कि बेटे का सुबह ही फोन आया था कह रहा था कि अम्मा फोन काहे नहीं उठा रही हो, तबियत-पानी ठीक तो है न…। पापा कहा है, तो मां ने कहा कि मोबाइल खराब है, पापा घर में पड़े हैं, तुम्हारे दोस्त के घर से आकर फोन लगाई हूं। मां ने पूछा भैया सो रहे हो क्या तो बेटे ने कहा कि नहीं, जगा हूं अम्मा, तो मां ने कहा कि अच्छे से बोलो और फिर कुछ देर बाद हादसा हो गया। मां ने कहा कि 25 दिन पहले ही बेटा ड्यूटी में गया था। घर का होनहार चिराग था। भांजे को घर में रखकर पढ़ाता था।
दूसरी ओर जब बेटे की पार्थिव देह घर पहुंची तो मां का शशि बाई के विलाप ने सभी की आंखों को नम कर दिया। हालांकि मां भी ईश्वर से बेटे की आत्मा को अपने श्रीचरणों में जगह देने की प्रार्थना करती रहीं। मां ने कहा कि बेटे का सुबह ही फोन आया था कह रहा था कि अम्मा फोन काहे नहीं उठा रही हो, तबियत-पानी ठीक तो है न…। पापा कहा है, तो मां ने कहा कि मोबाइल खराब है, पापा घर में पड़े हैं, तुम्हारे दोस्त के घर से आकर फोन लगाई हूं। मां ने पूछा भैया सो रहे हो क्या तो बेटे ने कहा कि नहीं, जगा हूं अम्मा, तो मां ने कहा कि अच्छे से बोलो और फिर कुछ देर बाद हादसा हो गया। मां ने कहा कि 25 दिन पहले ही बेटा ड्यूटी में गया था। घर का होनहार चिराग था। भांजे को घर में रखकर पढ़ाता था।
श्रद्धांजलि देने वालों का लगा तांता
शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों की तादाद में लोग पहुंची। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष भाजपा व सांसद वीडी शर्मा, स्कूल शिक्षा व परिवहन सहित जिले के प्रभारी मंत्री उदय प्रताप सिंह, विगढ़ विधायक संजय पाठक, बहोरीबंद प्रणय पांडेय, जिला पंचायत सीइओ शिशिर गेमावत, एसपी अभिजीत रंजन, एसडीओपी विगढ़ केपी सिंह, जिला अध्यक्ष भाजपा दीपक सोनी सहित बड़ी संख्या में जिले के अधिकारी व क्षेत्रीय जन सहित परिजन मौजूद रहे। सभी ने श्रद्धांजलि दी।
शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों की तादाद में लोग पहुंची। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष भाजपा व सांसद वीडी शर्मा, स्कूल शिक्षा व परिवहन सहित जिले के प्रभारी मंत्री उदय प्रताप सिंह, विगढ़ विधायक संजय पाठक, बहोरीबंद प्रणय पांडेय, जिला पंचायत सीइओ शिशिर गेमावत, एसपी अभिजीत रंजन, एसडीओपी विगढ़ केपी सिंह, जिला अध्यक्ष भाजपा दीपक सोनी सहित बड़ी संख्या में जिले के अधिकारी व क्षेत्रीय जन सहित परिजन मौजूद रहे। सभी ने श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रहित में देह समर्पित करने से बेहतर सौभाग्य कुछ नहीं: सीमए
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्र की सेवा में समर्पित शहीद प्रदीप पटेल के अद्वितीय योगदान एवं समर्पण के लिए यह देश उनका सदैव ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि शहीद पटेल के माता-पिता को राज्य शासन की ओर से एक करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। शहीद पटेल अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। सनातन संस्कृति में राष्ट्रहित में अपनी देह समर्पित करने से बेहतर सौभाग्य कुछ नहीं होता। जन्म-मृत्यु के क्रम में देश पर शहीद होने वालों को विशेष सम्मान के साथ देखा जाता है। राज्य सरकार इस कष्ट के समय में, पीड़ा और आघात की स्थिति से गुजर रहे शहीद के परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के वीर सपूत प्रदीप पटेल सेना के साथियों के साथ 700 मीटर गहरी खाई में गिरे। दुर्घटना में दुर्भाग्यवश सभी का देवलोक गमन हुआ।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्र की सेवा में समर्पित शहीद प्रदीप पटेल के अद्वितीय योगदान एवं समर्पण के लिए यह देश उनका सदैव ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि शहीद पटेल के माता-पिता को राज्य शासन की ओर से एक करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। शहीद पटेल अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। सनातन संस्कृति में राष्ट्रहित में अपनी देह समर्पित करने से बेहतर सौभाग्य कुछ नहीं होता। जन्म-मृत्यु के क्रम में देश पर शहीद होने वालों को विशेष सम्मान के साथ देखा जाता है। राज्य सरकार इस कष्ट के समय में, पीड़ा और आघात की स्थिति से गुजर रहे शहीद के परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के वीर सपूत प्रदीप पटेल सेना के साथियों के साथ 700 मीटर गहरी खाई में गिरे। दुर्घटना में दुर्भाग्यवश सभी का देवलोक गमन हुआ।
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लेफ्टिनेंट कर्नल भी पहुंचे
लेफ्टिनेंट कर्नल शरद सिंह और सेवानिवृत्त सैनिकों ने भी पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्वांजलि दी। प्रभारी मंत्री नें ग्राम हरदुवा कला के शासकीय माध्यमिक शाला का नामकरण शहीद प्रदीप पटेल के नाम पर करने और शहीद के पिता के आग्रह पर गांव में शहीद की समृतियों को अक्षुण्ण रखने प्रतिमा स्थापित करने तथा स्थानीय तौर पर खेल मैदान बनाये जाने के निर्देश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिए। मंत्री, राज्यमंत्री पटेल और सांसद शर्मा ने शहीद जवान प्रदीप पटेल को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी और परिवार जनों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की।
लेफ्टिनेंट कर्नल भी पहुंचे
लेफ्टिनेंट कर्नल शरद सिंह और सेवानिवृत्त सैनिकों ने भी पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्वांजलि दी। प्रभारी मंत्री नें ग्राम हरदुवा कला के शासकीय माध्यमिक शाला का नामकरण शहीद प्रदीप पटेल के नाम पर करने और शहीद के पिता के आग्रह पर गांव में शहीद की समृतियों को अक्षुण्ण रखने प्रतिमा स्थापित करने तथा स्थानीय तौर पर खेल मैदान बनाये जाने के निर्देश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिए। मंत्री, राज्यमंत्री पटेल और सांसद शर्मा ने शहीद जवान प्रदीप पटेल को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी और परिवार जनों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की।
यह रहा नजारा
तिरंगा में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गयी। शहीद जवान प्रदीप पटेल के अंतिम यात्रा में काफी संख्या में शामिल होकर ग्रामीणों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। शहीद जवान प्रदीप पटेल के सम्मान में गांव से करीब 5 किलो मीटर पहले ही हजारों की संख्या में पहुंचे युवाओं ने भारत माता की जय और शहीद जवान प्रदीप पटेल अमर रहे का नारा लगाया हांथों में तिरंगा लेकर मोटर साइकल रैली निकाल कर और गांव तक अगुआई की। इसके पहले सेना के सुसज्जित शव वाहन से शहीद सैनिक श्री प्रदीप पटेल का पार्थिव शरीर शनिवार को कटनी होते हुए शाम करीब 4.30 बजे के करीब जैसे ही उनके पैतृक गांव हरदुआ कला तहसील विजयराघवगढ़ पहुंचा, वैसे ही माहौल गमगीन हो गया। वीर सपूत के शव आने की सूचना मिलते ही जवान के अंतिम दर्शन के लिये उनके गांव और आस-पास के क्षेत्र के हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। वीर सपूत और भारत माता के जयकारों के नारों से समूंचा हरदुवाकला गुजायमान हो गया।
तिरंगा में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गयी। शहीद जवान प्रदीप पटेल के अंतिम यात्रा में काफी संख्या में शामिल होकर ग्रामीणों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। शहीद जवान प्रदीप पटेल के सम्मान में गांव से करीब 5 किलो मीटर पहले ही हजारों की संख्या में पहुंचे युवाओं ने भारत माता की जय और शहीद जवान प्रदीप पटेल अमर रहे का नारा लगाया हांथों में तिरंगा लेकर मोटर साइकल रैली निकाल कर और गांव तक अगुआई की। इसके पहले सेना के सुसज्जित शव वाहन से शहीद सैनिक श्री प्रदीप पटेल का पार्थिव शरीर शनिवार को कटनी होते हुए शाम करीब 4.30 बजे के करीब जैसे ही उनके पैतृक गांव हरदुआ कला तहसील विजयराघवगढ़ पहुंचा, वैसे ही माहौल गमगीन हो गया। वीर सपूत के शव आने की सूचना मिलते ही जवान के अंतिम दर्शन के लिये उनके गांव और आस-पास के क्षेत्र के हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। वीर सपूत और भारत माता के जयकारों के नारों से समूंचा हरदुवाकला गुजायमान हो गया।