यह है मामला वर्ष 2016 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक्सिस बैंक में खाता खोलते हुए करोड़ों रुपए का लेनदेन फर्जी तरीके से हुआ था। पीड़ित रजनीश तिवारी की शिकायत पर मानवेंद्र मिस्त्री, सतीश सरावगी, संदीप बर्मन, दस्सू पटेल, नरेश बर्मन, मनीष सरावगी सहित अन्य पर एफआइआर दर्ज की गई थी। इस मामले में तत्कालीन खाता खोलने वाला अधिकारी मोहम्मद यासीन एफआइआर के बाद से फरार था, जिसे नवम्बर 2022 में गिरफ्तार किया गया था।
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सत्ताधारी नेताओं तक पहुंची थी आंच बहुचर्चित हवाला कांड की जांच की आंच कटनी के सत्ताधारी नेताओं तक पहुंच गई थी। जिनकी कम्पनियां रडार पर थीं। इसमें काला धन को सफेद किए जाने के आरोप लगे थे। लेकिन तभी जांच की दिशा पलटने के लिए कड़ाई से जांच करा रहे तत्कालीन एसपी गौरव तिवारी ने ट्रक भर फर्जीवाड़े के दस्तावेज जब्त किए थे। जांच की जद में बड़ी मछलियों के आते ही रातोंरात तिवारी का तबादला कर दिया था। इससे प्रदेश की राजनीति भी गर्म कर दी थी। एसपी के तबादले से कटनी की जनता इससे इतनी आक्रोशित हुई कि एसपी के तबादले के खिलाफ अभूतपूर्व बंद कराकर विरोध जताया था।
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ऐसे हुई ईडी की एंट्री बताया गया है कि मामले के दस्तावेज सामने आने के बाद पता चला कि कटनी में आरोपियों द्वारा बड़े पैमाने पर धन शोधन कर रकम इधर-उधर की गई। रेकॉर्ड देखने के बाद ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट(पीएमएलए) का फिट केस पाते हुए जिला न्यायालय कटनी में आवेदन पेश कर प्रकरण ईडी स्पेशल कोर्ट जबलपुर स्थानांतरित करने का आवेदन पेश किया गया। जिसे कटनी सत्र न्यायाधीश जीतेंद्र कुमार शर्मा ने स्वीकार करते हुए केस जबलपुर स्थानांतरित करने के आदेश पारित किए। नए सिरे से जांच खुलने से कई चेहरे बेनकाब होंगे।