डीएनए में भी आई रिपोर्ट
प्रकरण में पीडि़ता की साक्ष्य का समर्थन एफएसएल एवं डीएनए रिपोर्ट से भी अभियोजन द्वारा कराया गया। मौखिक एवं वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी रोहित साहू एवं राजू चौधरी को पीडि़ता के साथ उसकी सहमति के विरूद्ध शारीरिक संबंध बनाने का अपराध प्रमाणित पाते हुए धारा 376डी भादवि के अंतर्गत 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपए के अर्थदण्ंड से दंडित किया गया। न्यायालय द्वारा बचाव पक्ष के न्यून दंड विषयक तर्क को निरस्त करते हुए व्यक्त किया कि गैंगरेप का अपराध अत्यंत गंभीर और घृणित अपराध है। ऐसे अपराधों में कठोर दंड से दंडित किया जाना उचित है।
पत्नी का गला घोंटकर हत्या करने वाले पति को उम्रकैद
पत्नी का रस्सी से गलाघोंटकर मौत के घाट उतारने वाले पति को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला प्रधान एवं जिला सत्र न्यायाधीश धरमिंदर सिंह राठौर ने एनकेजे थाना के प्रकरण में आरोपी अमलेश कोल को धारा 302 में दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी शासकीय अभिभाषक/लोक अभियोजक रजनीश सोनी द्वारा की गई। मीडिया सेल प्रभारी सुरेन्द्र कुमार गर्ग ने बताया गया 24 अप्रेल 2022 को आरोपी अमलेश कोल व पत्नी फग्गू बाई और उनके बेटे आदित्य सभी अपने कमरे में सो रहे थे। शिकायतकर्ता कमलेश कोल की पत्नी नीलम कोल ने उसे सूचित किया कि उनकी भाभी, फग्गी बाई कोल वाला कमरा खुला है। जहां मैं जाकर देखी तो दीदी फग्गी बाई कोल नहीं उठ रही है। तब मैं जाकर भाभी फग्गी बाई कोल का हाथ पकडकऱ चैक किया तो मृत अवस्था में थी।
ऐसे सामने आया मामला
शिकायतकर्ता ने प्रकाश चौधरी सहित पड़ोसियों से मदद मांगी। प्रकाश चौधरी और उनकी भतीजी, दीपा ने फग्गी बाई के शव को कमरे से परछी तक ले जाने में सहायता की, और मृतका के पिता को स्थिति के बारे में सूचित किया। शिकायतकर्ता द्वारा अमलेश कोल को फोन लगाया गया तो उसने बताया कि मैं तालाब में फ्रैश हो रहा हूं। 5 मिनट से आता हूं जो वापस नहीं आया। फिर भाई अमलेश को फोन लगाया जो बंद आने लगा। फिर मैं घर आ गया। पत्नी नीलम ने बताई कि रात में भईया अमलेश व दीदी फग्गी बाई कोल के लडने की आवाज आ रही थी जिससे मुझे संदेह है कि भाई अमलेश कोल रस्सी से भाभी का गला घोट दिए हैं। थाना एनकेजे पुलिस ने धारा 302 के तहत एफआइर दर्ज करते हुए अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था।