इस दौरान स्टेशन में यात्रियों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। रीवा के सत्यम तोमर ग्रुप द्वारा डांस की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान सीएम मोहन याद के मुखौटा लगाकर श्रवणकुमार की वेश में लोग कांधे पर कामर लेकर स्टेशन में चल रहे थे। जमकर ढोल बजाए गए, जिसमें तीर्थ यात्री थरकते नजर आए। इस मौके पर तीर्थ यात्रियों को तिलक लगाकर, माला पहनाकर, दोपट्टा उढ़ाकर, पुष्पवर्षा करते हुए स्वागत किया गया। यात्रियों को खाद्य सामग्री, पेय पदार्थ के पैकेट वितरित किए गए।
इस अवसर पर तीर्थयात्रियों, विशेषकर बुजुर्गों के चेहरे पर विशेष खुशी देखने को मिली। उन्होंने सरकार की पहल को सराहते हुए कहा कि इस उम्र में तीर्थ दर्शन का सौभाग्य मिलना उनके लिए एक अद्वितीय अनुभव है। बुढ़ापे में तीर्थ यात्रा का सपना सच होना बड़ी बात है। हमारे पास न साधन थे ना इतना साहस। सरकार की इस पहल से हमें एक नई खुशी और आत्मिक शांति मिल रही है। हम लोग जीवनभर इस योजना को याद रखेंगे।
द्वारकाधीश के दशर्न कर पाऊंगी
मुन्नी बाई (65) निवासी उमरियापान ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस उम्र में द्वारकाधीश के दशर्न कर पाऊंगी। सरकार की इस योजना ने हमारा सपना साकार किया है। हर व्यवस्था इतनी सहज है कि हमें किसी प्रकार की चिंता नहीं करनी पड़ी। गांव के लोगों के साथ दर्शन के लिए रवाना हुए हैं। यह बड़ी अच्छी योजना है।
दादी बाई (71) निवासी करौंदी ने कहा कि भैया मोरे जीवन का सबसे खास अवसर है। यह यात्रा किसी वरदान से कम नहीं है। भगवान द्वारकाधीश के दर्शन करब। जीवन का सपना रहो है, जो अब पूरा हो होई। अब भगवान द्वारकाधीश के दर्शन का सौभाग्य मिली जो या अनुभव जीवन पूरे जीवन याद रही।
तीर्थ यात्रा की उम्मीद हो रही पूरी
बसाड़ी-बड़वारा निवासी प्रेमलाल जायसवाल ने कहा कि जीवन के इस चौथे पड़ाव में तीर्थ यात्रा की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना ने हमें यह अनमोल अवसर दिया। यात्रा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा देती है, बल्कि बुजुर्गों के जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाने का भी काम करती है।
जीवन का होगा सुखद अनुभव
जगदीश प्रसाद (72) मुरवारी ने कहा कि सरकार की यह योजना बुजुर्गों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इतनी उम्र में इतनी सुविधाजनक यात्रा संभव नहीं होती। मैं बेहद खुश और संतुष्ट हूं। इस उम्र में सफर करना कठिन था, लेकिन प्रशासन ने हमें हर प्रकार की मदद दी है। इस उम्र में भगवान के दर्शन कर सकना सौभाग्य की बात है। यह यात्रा मेरे लिए जीवन का सबसे सुखद अनुभव होगा।
तीर्थयात्रा के लिए ट्रेन दोपहर 1 बजे रवाना होना था, लेकिन ट्रेन 3.15 पर रवाना की गई। लगभग दो घंटे तक ट्रेन को रिशेड्यूल किया गया। पथरिया स्टेशन में टे्रन का एनआइ वर्क हो रहा था, इसलिए यहीं पर ट्रेन को रोका गया। इस ट्रेन में दमोह से 278, सागर से 300 यात्री रवाना हुए हैं। यह जत्था 12 दिसंबर को वापस लौटेगा। प्रशासन द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए सुविधा देने का प्रयास किया गया तो वहीं नगर निगम ने भी व्यवस्थाओं को पूरा कराया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों में विधायक संदीप जायसवाल, नगर निगम अध्यक्ष मनीष पाठक आदि की मौजूदगी में अधिकारियों ने ट्रेन को रवाना किया।