डॉ. यशवंत वर्मा, सिविल सर्जन
ओपीडी नंबर तीन जिसमें कि नाक, कान, गला संबंधी रोगियों के लिए बनी है, वहां पर भी डॉक्टर नहीं थे। इसी प्रकार रूम नंबर ४ सामान्य ओपीडी में ताला पड़ा हुआ था। डॉक्टरों के न होने से मरीज भीषण गर्मी में तड़पते रहे।
कहीं वार्ड तो कहीं शिविर का चलता है बहाना- जब कतार में लगे मरीज नर्सिंग स्टॉफ से यह पूछते हैं, डॉक्टर साहब कहा हैं, तो कह दिया जाता है कि वार्ड के राउंड में हैं, या फिर शिविर में गए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जब ओपीडी का समय रहता है, उस दौरान तो कम से कम डॉक्टरों को बैठना चाहिए। वार्डों में इमरजेंसी मामले छोड़कर सुबह या फिर ओपीडी खत्म होने के बाद डॉक्टरों को दौरा करना चाहिए, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा।
कटनी•Jun 29, 2024 / 10:34 pm•
brajesh tiwari
Hindi News / Katni / जिला अस्पताल प्रबंधन नहीं दे रहा ध्यान: मर्ज के दर्द के साथ डॉक्टरों के इंतजार की पीड़ा सहने विवश मरीज