मुआवजा वितरण पर उठे सवाल
जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित परिवारों के सर्वे के लिए टीमें बनाई गई थीं। पटवारी, सचिव, रोजगार सहायक सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया था। इसकी मॉनीटरिंग तहसीलदार व एसडीएम को करनी थी, इसके बावजूद अपात्रों को मुआवजा राशि वितरित कर दी गई। कहा जा रहा है कि पिपरिया शुक्ल में शिकायत होने के बाद अपात्रों का खुलासा हुआ है। ऐसे अन्य गांव भी है, जहां अफसरों ने मनमाने तरीके से मुआवजा वितरित किया है।
मुआवजा वितरण व प्रकरण बनाने को लेकर पिपरिया शुक्ल के रोजगार सहायक के खिलाफ लेनदेन की शिकायत ग्रामीणों ने की। अफसरों ने जांच की तो शिकायत को सही माना। रोजगार सहायक से जवाब भी जिला पंचायत सीइओ ने मांगा है लेकिन रोजगार सहायक जिन अधिकारियों की सरपरस्ती में प्रकरण तैयार करवा रहा था, उनपर अबतक जांच की आंच नहीं आई है।