इनके लिए शुक्रवार को नगर परिषद में विधायक राजकुमारी जाटव एवं सभापति अरविन्द जैन ने शिलापट्टिकाओं का अनावरण किया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में विधायक राजकुमारी जाटव ने कहा कि राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्र के विकास के लिए खूब धनराशि दी है, लेकिन उसका उपयोग आवश्यकता वाले स्थानों पर नहीं किया जा रहा। इसके लिए पार्षदों व आमजन से निगरानी रखने की बात कही।
उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में सरकारी धन की कमी नहीं आने दी जाएगी, लेकिन सरकारी राशि का दुरुपयोग भी नहीं होने दिया जाएगा। विधायक ने नगर परिषद आयुक्त से भी कहा कि वे निर्माण की गुणवत्ता की जानकारी लें और दोषी संवेदकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाएं। नगर परिषद सभापति अरविन्द जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री बजट घोषणा-२०१८-१९ के तहत नगर परिषद क्षेत्र में ५०-५० लाख रुपए की लागत से बनने वाले वातानुकूलित पूर्ण सुविधायुक्त सार्वजनिक शौचालय स्वीकृत किए गए हैं।
नगर परिषद की ओर से कार्य के टेण्डर जारी कर दिए हैं। पांच सार्वजनिक शौचालयों में दो शौचालय महिलाओं के लिए होंगे, जबकि अन्य तीन सार्वजनिक शौचालय पुरुष व महिलाओं के लिए होंगे। बजट घोषणा के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र के श्मशान एवं कब्रिस्तान में भी विकास कार्य कराए जाएंगे। सभापति जैन ने बताया कि करौली रोड के ईदगाह स्थित कब्रिस्तान, मोक्षधाम, खरैटा मोड़, भप्पल की टाल के पास व निसूरियानकापुरा के पास के श्मसान स्थलों पर भी करीब दो करोड़ के विकास कार्य कराए जाएंगे। इन कार्यों का भी विधायक व सभापति ने शिलान्यास किया।
नहीं देने दिया धन्यवाद
समारोह में सभी के संबोधन के बाद धन्यवाद देने खड़े हुए उपसभापति नफीस अहमद को विधायक राजकुमारी जाटव ने यह कहते हुए नहीं बोलने दिया कि यह सरकारी कार्यक्रम है। इसमें उपसभापति नहीं, बल्कि नगर परिषद के आयुक्त धन्यवाद ज्ञापित करेंगे। इसकी लोगों के बीच चर्चा रही। ऐसे में बिना धन्यवाद ज्ञापित किए ही समारोह संपन्न हो गया।
समारोह में सभी के संबोधन के बाद धन्यवाद देने खड़े हुए उपसभापति नफीस अहमद को विधायक राजकुमारी जाटव ने यह कहते हुए नहीं बोलने दिया कि यह सरकारी कार्यक्रम है। इसमें उपसभापति नहीं, बल्कि नगर परिषद के आयुक्त धन्यवाद ज्ञापित करेंगे। इसकी लोगों के बीच चर्चा रही। ऐसे में बिना धन्यवाद ज्ञापित किए ही समारोह संपन्न हो गया।
उपसभापति नफीस अहमद ने इसे अपना अपमान बताया और कहा कि विधायक ने ही दबाव देकर शिलापट्टिका में उनका नाम अंकित नहीं होने दिया। इससे पहले संचालन के लिए नगर परिषद का कोई पार्षद अथवा कर्मचारी आगे नहीं आया तो वहां एक सरकारी शिक्षक संचालन करने लगे। विधायक ने शिक्षक को संचालन करने से रोकते हुए कहा कि नगरपरिषद की ओर से कार्यक्रम है, जिसमें आयुक्त को संचालन करना चाहिए। बाद में आयुक्त दीपक चौहान ने मंच संचालन किया।