कानपुर

विकास दुबे का एक और ऑडियो वायरल, बोला- इतना बड़ा कांड करूंगा, पता चलेगा किसी से पाला पड़ा था

– कानपुर एनकाउंटर (Kanpur Encounter) से पहले का हो सकता है विकास दुबे (Vikas Dubey) का ऑडियो. पुलिस टीम (UP Police) जांच में जुटी.

कानपुरJul 22, 2020 / 09:53 pm

Abhishek Gupta

Vikas Dubey

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
कानपुर. “इस बार इतना बड़ा कांड करूंगा, पता चलेगा किसी से पाला पड़ा था…। पूरी जीप न मरी तो देखना…एक एक का खून कर दूंगा…”। यह शब्द थे कुख्यात अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) के। इसका एक और ऑडियो मंगलवार से वायरल हो रहा है। विकास दुबे इस ऑडियो में साफ तौर पर सीओ देवेंद्र मिश्रा को सबक सिखाने की बात करता सुनाई दे रहा है। विकास अपने खिलाफ मुकदमा लिखे जाने से बौखला गया था। उसके सिर पर खून सवार था। ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में भी हड़कंप मचा है। पुलिस अब उस सिपाही की तलाश में जुटी है जिसने विकास से घटना से पहले फोन पर बात की थी। सूत्रों का दावा है कि विकास दुबे फोन पर जिस शख्स के साथ बात कर रहा था, वह कोई और नहीं बल्कि चौबेपुर थाने के दरोगा विनय तिवारी का करीबी सिपाही राजीव चौधरी है।
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भले ही जीवन जेल में काटना पड़े, बड़ा कांड करूंगा-
विकास दुबे बातचीत में कोई बड़े कांड की धमकी दे रहा है। वह कह रहा है कि किसी को जिंदा नहीं छोडूंगा। चाहे पुलिस की जीप को उड़ाना पड़े। विकास दुबे यह कह रहा है- “इतना बड़ा कांड करूंगा, वो जानेगा कि किससे पाला पड़ा है…। फिर चाहे पूरी उम्र फरारी ही क्यों न काटनी पड़े।” तभी उधर से आवाज आती है कि…”पहले हमें तो जानकारी करने दो।” फिर इधर से विकास दुबे बोलता है कि अगर पूरी जीप न मर गई…एक-एक की हत्या कर दूंगा। चाहे फिर पूरी उम्र जेल में ही काटूं।” उधर, से आवाज आती है…”भैया जाने दो अब।”
..जी-जी कहकर कर हो रही बात-
ऑडियो में विकास लगातार अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहा है। दूसरी तरफ से सिर्फ जी-जी.. कहकर बात हो रही है। माना जा रहा है कि यह ऑडियो दो जुलाई का है, जिस दिन विकास दुबे को शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के मुकदमा दर्ज करने और दबिश की जानकारी मिली थी। ऑडियो में विकास दुबे कह रहा है, यह फर्जी मुकदमा लिखवा रहा है। इस ऑडियो से एक बात साफ है कि पुलिस ने अगर विकास के फोन को गंभीरता से लिया होता तो ये वारदात टाली जा सकती थी। आठ पुलिसवालों की जान बच सकती थी।
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…तो बच जाती जान-
२-3 जुलाई की रात पुलिस टीम विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी। लेकिन इसकी जानकारी चौबेपुर थाने से लीक हो गई। विकास को जब इस कार्रवाई की जानकारी हुई तो उसने अपनी शूटरों समेत गैंग के अन्य साथियों को चौकन्ना कर दिया। जब बिकरु गांव पुलिस टीम पहुंची तो पुलिसवालों पर चौतरफा गोलियों की बौछार हुई। जिसमें आठ पुलिसवालों शहीद हो गए।

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