चिकित्सक के मुताबिक उनकी आंखों में सूजन और आंखो का रंग लाल था। साथ ही स्पाइन पर समस्या थी। फेफड़े में गम्भीर रूप से जकड़न थी। इन लक्षणों के आधार पर डॉक्टरों ने म्यूकोरमाइकोसिस की पुष्टि की है। मैटरनिटी विंग में भर्ती मरीज को तीन डॉक्टर देख रहे थे, जिसमें दो मेडिसिन विभाग के थे और एक नेत्र रोग विशेषज्ञ थे। हालांकि डॉक्टरों ने बताया है कि सभी जांच नहीं हो सकी क्योंकि मरीज का ऑक्सीजन लेवल बहुत कम था। उससे उसकी मौत हो गई। उधर वार्ड नंबर तीन में भर्ती 55 वर्षीय पुरुष की आंखों में इतनी सूजन आ गई थी कि आंखें बंद हो गई थीं।
मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजिस्ट प्रो. आलोक वर्मा का कहना है कि मरीज उनके अंडर में भर्ती था। उसके चेहरे पर भी सूजन थी। उसके लक्षण अन्य मरीजों से अलग थे। लक्षणों के आधार पर म्यूकोरमाइकोसिस की डायग्नोसिस की गई है। मरीज में संक्रमण जबरदस्त था। ब्रेन में सूजन आ गई थी। फंगस के असर से फेफड़े बिल्कुल फेल हो गए थे। जांच कराने का समय नहीं मिला। इस बीच मरीज ने दम तोड़ दिया। प्रो. आलोक कुमार के मुताबिक दो केस अभी तक मेडिकल कॉलेज में रिपोर्ट हुए हैं।