सपा की पारंपरिक सीट है सीसामऊ
सीसामऊ सीट सपा की पारंपरिक सीट मानी जाती है। इरफान सोलंकी इस सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं। कानपुर की डिफेंस कॉलोनी की रहने वाली नजीर फातिमा नाम की महिला ने जाजमऊ थाने में नवंबर, 2022 में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई ने उस महिला के घर पर आगजनी की थी। इस मामले में कोर्ट ने इरफान सोलंकी को सात साल की सजा हुई थी। जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई थी और फिर इस सीट पर उपचुनाव हुआ। इरफान और उनके भाई दिसंबर 2023 से जेल में बंद हैं।इन कारणों से मिला सपा को मिला फायदा
कानपुर के सीसामऊ सीट पर नसीम सोलंकी ने जीत के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाया जिसके बाद सियासत गरमाती हुई नजर आई। इस सीट पर मुस्लिम वोटरों की निर्णायक भूमिका है। इरफान सोलंकी के जेल जाने और विधायकी रद्द होने से सहानुभूति रहा है। उपचुनाव के प्रचार के दौरान उन्होंने पति इरफान सोलंकी के जेल जाने का मुद्दा उठाया था। चुनावी कार्यक्रम में कई बार वह रो पड़ी थीं। लोगों का कहना है कि उनके आंसू से वोटरों का दिल पसीज गया और इसका पूरा फायदा सपा को इस उपचुनाव में मिला।‘बंटोगे तो कटोगे’ वाले बयान से आहत हुए मुस्लिम वोटर्स
योगी आदित्यनाथ के ‘बंटोगे तो कटोगे’ वाले बयान से मुस्लिम वोटर्स काफी आहत हुई थी। सीसामऊ सीट हारने के बाद भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी ने कहा कि अगर हिंदू वोट न बंटता तो हमारी जीत होती। नसीम सोलंकी का यह पहला चुनाव था। इससे पहले उन्हें किसी राजनीतिक कार्यक्रम तक में नहीं देखा गया था। यह भी पढ़ें