कानपुर के शिवाला में 100 साल पुराना दशानन मंदिर है। जिसे विजय दशमी के दिन खोला जाता है। आज सुबह भी परंपरा के अनुसार दशानन मंदिर के पट खोले गए। जहां भक्तों ने उन्हें गंगाजल से स्नान कराया और भव्य श्रृंगार किया। दशानन मंदिर में तेल का दिया जलाने की परंपरा है। जहां भक्तगण मनोकामना पूरी करने की इच्छा को लेकर तेल के दीपक जलाते हैं। रावण की विद्वता की चर्चा सभी के जवान पर है। आज के दिन नीलकंठ पंछी के दर्शन करना भी शुभ माना जाता है। भक्तों के अनुसार दशानन मंदिर में विजयदशमी के दिन नीलकंठ पंछी के दर्शन भी भी होते हैं। उल्लेखनीय है दशानन का मंदिर शिवाला में मां छिन्नमस्तिका देवी के निकट स्थापित है। मंदिर के पट विजयदशमी के दिन सूर्योदय के साथ खुलते हैं और सूर्यास्त के पहले ही बंद कर दिया जाता है।
दशानन मंदिर बड़े चौराहा के पास स्थित शिवाला में है। जहां आने के लिए सड़क मार्ग से सुगम साधन उपलब्ध है। कानपुर शहर के किसी भी कोने से आसानी से पहुंचा जा सकता है। झकरकटी बस अड्डे से भी दशानन मंदिर आने के लिए साधन उपलब्ध है।
आज पूरा देश विजयदशमी मना रहा है। जगह जगह रावण का पुतला दहन किया जा रहा है। कानपुर के रामलीला मैदान सहित कई स्थानों पर भारी भरकम रावण का पुतला बनवाया गया था। लेकिन बारिश के कारण कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न हो गया। रावण का पुतला भी खराब हो गया। जगह जगह रावण के पुतले को एक बार फिर से दुरुस्त किया जा रहा है।