कानपुर

IIT Kanpur : दो स्टूडेंट्स के हुनर से कोरोना काल में बची हजारों की जान, फोर्ब्स मैगजीन ने छापी उपलब्धि की कहानी

कोरोना महामारी के दौरान IIT Kanpur के छात्र कुरेले और हर्षित राठौर ने विशेषज्ञों की मदद से 90 दिनों में सस्ता और पोर्टेबल वेंटीलेटर बनाकर तैयार कर दिया था

कानपुरJul 27, 2021 / 05:33 pm

Hariom Dwivedi

IIT Kanpur के वेंटीलेटर्स ने कोरोना काल में बचाई हजारों की जान, फोर्ब्स मैगजीन ने छापी स्टूडेंट्स के उपलब्धि की कहानी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. आइआइटी कानपुर (IIT Kanpur) के दो स्टूडेंट्स की उपलब्धि की कहानी को विस्तार से फोर्ब्स मैगजीन (forbes magazine) में प्रकाशित किया गया है। कोरोना महामारी के दौरान जब वेंटीलेटर की कमी सामने आई तो निखिल कुरेले और हर्षित राठौर ने विशेषज्ञों की मदद से 90 दिनों में सस्ता और पोर्टेबल वेंटीलेटर बनाकर तैयार कर दिया था। इस वेंटीलेटर से देश में हजारों जानें बचाई जा सकीं। यह वेंटीलेटर अन्य की अपेक्षा सस्ता और अत्याधुनिक है। इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है और इसके पुर्जे भारत में ही बनते हैं। इस वेंटीलेटर में डॉक्टरों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
भारत ही नहीं विदेशों में डिमांड
दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और गुजरात सहित सात राज्यों में इन वेंटीलेटर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत के अलावा पड़ोसी देश नेपाल व दो अन्य साउथ एशियन देशों में यहां तैयार वेंटीलेटर भेजे गये हैं।
देश में 3000 से अधिक वेंटीलेटर
कानपुर आईआईटी ने इंक्यूबेटेड कंपनी नोका रोबोटिक्स के साथ मिलकर वेंटीलेटर तैयार किया। नोका रोबोटिक्स के फाउंडर निखिल कुरेले ने बताया कि इस समय भारत में ही वह इन वेंटीलेटर की सप्लाई पूरी करने में लगे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में देश के 500 से अधिक अस्पतालों में 3000 से अधिक वेंटीलेटर काम कर रहे हैं। अभी कई अस्पतालों की डिमांड है, जिसे पूरा किया जा रहा है।

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