सुब्रत पाठक ने कहा कि चुनाव के दिन कोतवाल का आचरण भ्रष्ट दिखाई पड़ रहा था। इसके पहले भी कई बार शिकायतें आई थी कि बात-बात पर पैसा मांगता है। बीते 13 मई को हुए चुनाव में कोतवाल ऐसे बूथों को डिस्टर्ब करते रहे। जहां बीजेपी के समर्थक ज्यादा थे।
कोतवाल पर लगाए गंभीर आरोप
सुब्रत पाठक ने कहा कि कोतवाल उन जगहों पर नहीं गए जहां समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता फर्जी वोट डाल रहे थे। कोतवाल सपा को सपोर्ट कर रहा था। इसलिए उन बूथों पर जा नहीं रहा था। पैसे लेकर वह मैनेज हो गया था। वर्दी पहनकर गुंडागर्दी करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। इसकी जांच कराई जाएगी।
क्या कहते हैं सुब्रत पाठक?
सुब्रत पाठक ने कहा कि कोतवाल ने बीजेपी की जिम्मेदार कार्यकर्ता के साथ अभद्रता और मारपीट की। मारपीट करने का अधिकार किसी को नहीं है। यदि किसी ने कोई गलत किया है तो मुकदमा दर्ज करो, उसे गिरफ्तार किया जाए। लेकिन मारपीट करना गलत है। अपमानजनक व्यवहार किया जाएगा तो यह बर्दाश्त नहीं होगा। वर्दी पहनने के बाद पुलिस को गुंडागर्दी करने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है।